छत्तीसगढ़ में रोज हर विभाग मंे नया करिश्मा देखने को मिल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्य और देश के लोग प्रवेश कर रहे है। साथ ही फर्जी ढंक से सर्विस भी कर रहे है।
मिली जानकारी के अनुसार, कुछ लोग विद्यालय को जेल बनाकर रखे हुए है। जो कि जिला शिक्षा अधिकारी ऐसे विद्यालयों से पैसा लेकर मान्यता दे रही है। जबकि विद्यालयों में कोई ग्राउंड नहीं है और एक ही कमरा में बच्चों को इक्कठा करके रखे हुए है।
लोगों द्वारा बताया जाता है कि, छत्तीसगढ़ में एक ही व्यक्ति तीन-चार काम कर रहा, उसके बावजूद पत्रकारिता में जुड़े हुए है जो कि सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया व व्हाटसएप के नाम से चला रहे है। क्योंकि इन पर शासन कोई अंकुश नहीं लगा रहा। यहां तक कि, जो विद्यालय चला रहे है वह भी पत्रकार बनकर चल रहा है साथ ही मुर्गा, अण्डा, सब्जी बेचने वाला भी पत्रकार बनकर चल रहा है क्योंकि इसमें कोई पैसा नहीं लगता है और अधिकारी/कर्मचारियों से झूठ बोलकर पैसा मांगते है।
छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बेरोजगारो को लेकर जगह-जगर धरना देकर लोग अपनी मांगों को प्रदर्शन करते रहते है और अपनी विचारधाओं के अनुसार सुविधा मांगते है। यहां तक कि, बाहर के निवासी भी जिस जिले में घुसते है वहां तुरंत ग्राम पंचायत व नगर पंचायत से राशन कार्ड बनवा लेते है। यहां तक कि, एसईसीएल के क्वाटर में भी फ्री रहते है। ऐसी स्थिति को देखते हुए शासन इन लोगों के ऊपर अंकुश लगाना चाहिए।
जानकार सूत्र बताते है कि, नयी पीढ़ी के पत्रकार तो ऐसे हो गये है जो कि पढ़े लिखे अधिकारियों को भी गुमराह कर रहे है। बता दें कि, सूचना के अधिकार के नियम को लेकर ये पत्रकार जिला क्या सरगुजा संभाग तक को लूठ रहे है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक पत्रकार ने स्वास्थ्य विभाग में सूचना के अधिकार के नियम को लेकर लगभग बीस लाख तक का मांग रखा था। ऐसा मामूल पड़ता है कि, जो व्यक्ति इतना लम्बा पैसा मांग रहा है वह करोंड़ो का व्यक्ति होगा। क्योंकि वह आदतन आदमखोर होगा। इन सभी बिन्दुओं पर जांच प्रताड़ होना बहुत जरूरी है। नहीं तो ऐसे लोग भ्रष्टाचारी को जन्म देंगे।