कोरिया : आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर अस्पृश्यता निवारणार्थ सद्भावना शिविर का आयोजन ग्राम पंचायत आमगांव के प्राथमिक शाला कटोलीपारा में किया गया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य छुआछूत की भावना और अस्पृश्यता के संबंध में जहां जानकारी प्रदान कराना था वहीं एक उद्देश्य यह भी था कि समाज के हर जाति वर्ग के लोग एक जगह बैठकर सद्भाव से छुआछूत को त्याग कर भोजन भी ग्रहण करें। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर जी के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर एवं पुष्प अर्पण कर किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य श्रीमती वंदना राजवाड़े ने उपस्थित लोगों का जहां अश्पृश्यता से बचने की सलाह दी वही कार्यक्रम के आयोजन के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग की सराहना की। जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर की अध्यक्ष श्रीमती सौभाग्यवती खुसरो ने कहा कि सभी मनुष्य के शरीर में बन रहे खून का जब रंग एक है तो फिर जाति वर्ग का भेद कैसे हो सकता है। यह गलत है और इसी भेद को मिटाने के लिए यह शिविर आयोजित है।
कार्यक्रम में उपस्थित अपर कलेक्टर श्री अरूण कुमार मरकाम ने भी अपने विचार इस दौरान प्रकट किये, उन्होने अस्पृश्यता की भावना को जहां गलत बताया आपसी सौहार्द को जहां भी बल दिया कि इस संदर्भ में मिले कानूनी अधिकार का दुरुपयोग भी न हो। इस बात का हमें ध्यान रखना है। भाई चारे सद्भाव को लेकर उन्होने प्रेम की भावना सामाजिक स्वीकार्यता आपसी सद्भावना व्यवहार में लाने पर बल दिया जिससे स्वस्थ स्वच्छ सुंदर समाज का निर्माण हो सकें।
आयोजित कार्यक्रम में प्राथमिक शाला कटोलीपारा के छात्र छात्राओं ने जहां सांसकृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन उपस्थित अतिथियों, ग्रामीणजनों के समक्ष किया वहीं, ग्राम के महिला पुरूषो को भी जाति वर्ग का भेदभाव भूलकर छुआछुत की भावना का त्यागकर कुर्सी दौड़ के लिए प्रेरित किया गया जिसमें सभी ने स्वस्फूर्त भाग लिया और सभी ने उत्साह के साथ कार्यक्रम को सफल बनाया।
कार्यक्रम के उद्देश्य के संबध में अपने विचारों से आदिम जाति कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त श्रीमती उषा लकड़ा ने सभी उपस्थित अतिथियों एवं उपस्थित ग्राम जनों के समक्ष रखा। संविधान के अनुच्छेद 17 के संबध में साथ ही वर्ष 1948 अश्पृश्यता निषेध नियम वर्ष 1955 अस्पृश्यता अपराध अधिनियम वर्ष 1976 सिविल अधिकार संरक्षण नियम का उन्होने उल्लेख करते हुए यह भी बताया की किस तरह समय-समय पर अश्पृश्यता के संबध में कानूनी नियमों में विस्तार किये जाते रहे। उद्देश्य को लेकर उन्होने विस्तार से बताया और विभाग द्वारा खेलकूद सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित सद्भावना भोज का आयोजन किया गया है वह छुआछुत की भावना का समाज में उन्मूलन हो इस लिए किया गया यह भी उन्होने समझाया। समाज में छुआछूत का उन्मूलन लगातार हो रहा अस्पृश्यता की भावना का लोग त्याग कर रहे हैं वह व्यवहार में भी बना रहे यह कार्यक्रम का आयोजन शासन प्रशासन की मंशा बताई।