जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में बाईसागर तालाब को लेकर आवेदक द्वारा लगभग 26-27 वर्षो से कलेक्टर व एसडीएम को शिकायत किया जा रहा था। पूर्व रिकाॅड के अनुसार बाईसागर तालाब एक नजूल जमीन राजा के नाम में थी। जो तालाब सार्वजनिक था। उस रिकाॅड में लिखा है कि, यह तालाब जानवरों के पानी पीने, नहाने व सार्वजनिक निस्तार की भूमि है। परंतु कुछ अधिकारी चंद पैसों के लिए एसडीएम को लम्बी रकम देकर उस तालाब को कृषि भूमि में परिवर्तन कराया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाईसागर तालाब को पूर्व में लगभग 6 लाख में खरीदा गया था आज इसकी कीमत इतनी हो गयी है कि, लगभग 20 लाख डिसमिल जमीन को बेची जा रही है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि, बेसुमार कीमती अरबों की जमीन को आम जनता की नजर में मिर्चा डाल कर खरीदा गया है।
बता दें कि, जिला कलेक्टर महोदया जी की दृष्टि आवेदक के शिकायत पर पड़ी, जिस पर कलेक्टर महोदया जी ने निष्पक्ष होकर आवेदक के शिकायत पर संज्ञान लिया है। अभी-अभी हाल ही में लगभग 26-27 वर्षो बाद कलेकटर महोदया इस बात पर विचार करते हुए कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया। पर जांच कमेटी के लोगों को करोड़ो में खरीदने की चर्चाऐं जोरो पर चल रही है। क्योंकि जांच प्रभावित करने के लिए व जांच को लिपा-पोती करने के लिए पूरा अमला भू-माफिया साथ देगा। यही नहीं साथ ही लम्बी रकम मिलने की बात सामने आयी है।
बता दें कि, आवेदक के ऊपर राजस्व विभाग के अधिकारी दबाव बना रहे है। क्या प्रशासन न्याय व कानून को पैसे मे बेच सकता है ऐसे में आवेदक का आवेदन श्रीमान् उच्च न्यायधीशपति को नतमस्त होेगा।