जिला सूरजपुर में पूर्व कारपेंटर डिप्टी रेंजर अक्षय लाल है। डिविजन क्षेत्र से वित्तीय रेंजर प्रभारी को कितने तक का चेक कटना चाहिए ? जो कि बताया जा रहा है कि, सूरजपुर में कारपेंटर द्वारा करोड़ो रूपये काम के नाम पर पैसा निकाला गया है। जो घोर अनियमितता किया है।
जानकार सूत्र बताते है कि, पूर्व में भी कारपेंटर को पैसे के आधार पर नियुक्ति किया गया था। जो कि बताया जा रहा है कि, सूरजपुर में करोड़ो रूपये के चेक काम के नाम पर काटे गये है। पूर्व डिप्टी रेंजर को वित्तीय पावर कैसे दिया गया ? ये नियम विरूद्ध है।
जानकार सूत्र बताते है कि, अभी हाल ही में अक्षय लाल द्वारा लगभग छः लाख रूपये वन विभाग घुई में देकर रेंजर के पद पर नियुक्त हुआ है। देखा जाये तो डिप्टी रेंजरों का रेंज आॅफिस प्रभारी का कार्यकाल लगभग चार-छः महीने का होता है परंतु यहां देखने को मिल रहा है कि, एक डिप्टी रेंजर वर्षो से रेंजरी कर रहा है। यहां तक कि, बताया जा रहा है पूर्व में डिप्टी रेंजर लोगों का पैसा भी खाया है।
जानकार सूत्र बताते है कि, डिप्टी रेंजरों ने लगभग एक-दो करोड़ का मकान भी खरीदा है। बताया जा रहा है कि, एक डिप्टी रेंजर लगभग 80 हजार का वन विभाग से चेक कटा है। उसके बाद उस डिप्टी रेंजर ने तुरंत ही डेढ़ करोड़ रूपये का मकान अपने पत्नी के नाम खरीद लिया है। ये तो कहने को डिप्टी रेंजर है पर डी.एफ.ओ. के भी कान काट रहे है।
मिली जानकारी के अनुसार, एक ही शहर में अपने मां और अपनी पत्नी के नाम पर जमीन व लगभग 25 लाख रूपये का कार खरीदा है। सोचने वाली बात है कि, यह पैसा वन विभाग में कार्य के लिए आता है या डिप्टी रेंजरों के मकान व कार खरीदने के लिए। अब देखने वाली बात यह है कि, नीचे से लेकर ऊपर तक पैसा बंट रहा है तो कौन इसकी जांच करायेगा। वशिष्ठ टाइम्स आने वाले समय में रजिस्ट्री की काॅपी भी प्रकाशित करेगा।