बैकुण्ठपुर मुख्यालय के पूर्व नगर पालिका सीएमओ के चार्ज में जब रहे तब के कृत्यों को लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे है। लोगों द्वारा बताया जा रहा है कि, पूर्व सीएमओ कभी-भी अपने आॅफिस में नहीं बैठते थे। जब भी वहां के कर्मचारियों से पूछा जाता था कि, सीएमओ साहब है ? तो कर्मचारियों द्वारा कहा जाता था कि, साहब को देखे हुए दुर्लब हो गये है।
मिली जानकारी के अनुसार, अपने शासनकाल में कभी-भी गेज के पानी में फिल्टर व ब्लीचिंग पावडर नहीं डलवाया, और गेज के पानी को डायरेक्ट पीलाया। जानकार सूत्र बताते है कि, पूर्व सीएमओ के देख-रेख में जितने भी निर्माणकार्य हुए है उन सभी में लगभग 10-20 प्रतिशत कमिशन खाया है। यहां तक कि, लोगों में चर्चा है कि, डिजल यंत्र का भी फर्जी बिल बना-बनाकर पैसा निकाला गया है, जिसकी खुलासा पूर्व में वशिष्ठ टाइम्स समाचार में प्रकाशित किया गया था। जिससे सीएमओ का स्थानांतरण हो गया।
लागों में चर्चा है कि, पूर्व सीएमओ अपने शासनकाल में रोड किनारे कब्जा कर रहे व्यापारियों को कभी-भी नहीं हटवाया। क्योंकि उन सभी व्यापारियों से अच्छा-खासा कमिशन वसूल लेता था। जानकार सूत्र बताते है कि, सीएमओ जमीन के कब्जाधारियों से पैसा वसूलता था। लोगों में तरह-तरह की चर्चाऐं हो रही है कि, फल वालों से फल व जूस का पूरा आनंद लेता था। यहां तक कि, लोगों का कहना है कि, पूर्व सीएमओ कभी अपने जिन्दगी में पैसा नहीं देखा था जो सीएमओ का पद पाकर बावला हो गया था। ऐसा मालूम पड़ता है कि, आई.पी.एस. आई.एस. उसके सामने फैल है। बताया जा रहा है कि, चोर जैसे विचारधाराओं का व्यक्ति कागज के खरीदी में भी कमिशन खाता था।