बैकुण्ठपुर मुख्यालय में सरगुजा संभाग आयुक्त अम्बिकापुर द्वारा तहसीलदार महोदया जी को सुखाचार अधिनियम की धारा-4 के तहत दो माह पूर्व निर्देशित किया गया था परंतु तहसीलदार महोदया जी द्वारा सरगुजा संभाग आयुक्त अम्बिकापुर के निर्देशों का पालन नहीं किया गया। इससे अनुमान लगा सकते है कि, तहसील कार्यालय में अपने मनमानी ढंग से कार्य किया जा रहा है।
वही आवेदक सिनियर सिटिजन है उनके भी निवेदन पर कोई जोर नहीं दिया गया। आवेदक के द्वारा कोरिया कलेक्टर एवं एस.डी.एम. जी को भी बार-बार मौखिक एवं लिखित रूप से अनुरोध किया गया था, इसके बावजूद भी सुखाचार अधिनिमय की धारा-4 की धज्जियां उड़ाई गयी।
जानकार सूत्र बताते है कि, तहसीलदार अपने बाबूओं के दबाव में कार्यवाही करने में असमर्थ है। अभी हाल ही में देखा गया था कि, कलेक्टर जनदर्शन कार्यक्रम में बीरन सिंह द्वारा शिकायत पत्र भेजा गया था जिसमें यह उल्लेख था कि, तहसील कार्यालय के बाबू द्वारा तीन हजार रूपये ले लिया गया था उसके बावजूद भी उनका काम नहीं किया गया। जिससे लोगों में तरह-तरह की चर्चाऐं भी चल रही है कि, तहसील कार्यालय में रिश्वतखोर बैठे हुए है। लोगों में चर्चा है कि, बीरन सिंह जी का निवेदन न सुनकर एक माह का छुट्टी लेकर आराम फरमा रहे थे। क्या अपराधी छुट्टी लेकर बच सकता है।
लोगों तहसीलदार महोदया के ऊपर थू-थू कर रहे है और लोग कर रहे है कि, ये तहसीलदार महोदया जी के अज्ञानता का परिचय है क्योंकि वह अपने पद का दुरूपयोग कर रही है। या तो उस आवेदक को प्रताड़ित कर रहे है।
वही पूरा प्रशासन एक-दूसरे का मुंह ताक रही है क्या किसी के दबाव में है या पैसा लेने का वेट कर रहे है ?