बैकुण्ठपुर मुख्यालय के नगर पालिका में मुख्य नगर पालिका अधिकारी (मनीष बारे) के द्वारा मनमानी ढंग से कार्य करने का आरोप लगाया जा रहा है। जानकार सूत्र बताते है कि, जब से बैकुण्ठपुर में पदस्थ हुए है तब से आॅफिस में बैठते ही नहीं है न तो कोई काम करते है खाली ड्राईवर को लेकर घुमने रहते है। बताया जाता है कि, पूर्व में मनीष बारे बाबू थे। अब उनको एक अधिकारी का पद प्राप्त हो गया है जिससे उनका मनोबल बड़ा हुआ है। एक कहावत है कि, ‘‘एक बंदर को पढ़ गया नारियल हाथ’’। जैसे- बंदर के हाथों में नारियल आ जाता है तो डाली-डाली में छलांग लगाता है उसी प्रकार मनीष बारे का हाल है।
जानकार सूत्र बताते है कि, नगर पालिका के अंदर जो काम हुआ है उसमें मनीष बारे 8 प्रतिशत कमिशन लिए है। बताया जाता है कि, आज जितने भी बैकुण्ठपुर नगर पालिका में मनीष बारे के आने से काम हुआ है वह सभी घटिया हुआ है रोड़ों का हाल देखा जाये तो बेहाल है। यहां तक कि, नालियां गंदगी से बचबचा रही है। और देखा जाये तो रोड़ गंदगी का आलम है। लोगों में चर्चा है कि, लोगों की समस्या पेयजल है जिसमें नलों में पानी नहीं आ रहा है। सेकड़ों नगर पालिका के अंदर अवैध कनेक्शन हुए है ये किसके कृपा से चल रहा है ? जिसके यहां पानी नही आ रहा है वह इस पर श्रीमान् कलेक्टर महोदय जी को शिकायत भी कर चुके है, परंतु कोई जांच नहीं किया जा रहा है। और नगर पालिका द्वारा पानी का बिल-पर-बिल दिये जा रहे है।
जानकार सूत्र बताते है कि, नगर पालिका में मनीष बारे खाली सकल दिखाने आते है। इनके कार्यकलापों को बैकुण्ठपुर के पार्षद, उपाध्यक्ष व प्रतिपक्ष नेता द्वारा भी आवाज उठाया गया है, परंतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी को कोई भी फर्क नहीं पड़ता। जानकार सूत्र बताते है कि, मुख्य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा फर्जी बिल खरीदी-बिक्री के लगाये जा रहे है। इसमें किस बाबू का और किस नगर पालिका के पदाधिकारी का भी सहयोग प्राप्त है ? यह जांच का विषय है।