बैकुण्ठपुर मुख्यालय के तहसील कार्यालय में बाबूओं एवं कर्मचारियों के नये-नये कारनामें देखने को मिल रहे है। बताया जाता है कि, तहसील कार्यालय के बाबू एवं कर्मचारी भू-माफियों के साथ मिलीभगत करके जमीन की खोज में लगे हुए है।
लोगों में चर्चा है कि, विधायक जी के दबाव से ही कलेक्टर महोदय जी इन लोगों पर कार्यवाही करने में असमर्थ है। जैसे पूर्व में पटवारी बालमिक मिश्रा को सोशल मीडिया में रिश्वत लेते दिखाया गया एवं जमीनों की रजिस्ट्रियों में हरे-भरे पेड़ काट कर विलुप्त कर दिये गये, परंतु कोई कार्यवाही नहीं किया गया। यहां तक कि, पूर्व नक्शों में भी कांट-छांट किया गया, उसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं किया गया।
अब देखना यह है कि, नये एस.डी.एम. जो कि कानून की ज्ञाता है उनके द्वारा पूर्व पटवारी बालमिक मिश्रा के ऊपर निलंबन की कार्यवाही किया जा सकता है या नहीं ? वही बताया जा रहा है कि, पटवारी का सुपुत्र भी भू-माफिया बना हुआ है। और आये-दिन अपने गैंग में ऐसे लोगों को पकड़कर रखा हुआ है जिसमें राजनितिक दल का दबाव भी है।
जानकार सूत्र बताते है कि, पूर्व पटवारी का सुपुत्र अपने पिता का नाम शोर्ट-कर्ट बी.के. मिश्रा में भी लिखना चालू कर दिया है। इस प्रकार की हरकतों को बुद्धि का विवेक समझे या बुद्धि का विनाश। लोगों में चर्चा है कि, ये लोग पैसो के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते है। वही बताया जा रहा है कि, पोटेडांड में लगभग सात एकड़ की जमीन अपने भतिजे के नाम खरीदा हुआ है जो कि लगभग पच्चासों लाख की जमीन है। वह पैसा आया कहां से ? आज भी अपने सुपुत्र को करोड़ो रूपये देकर खरीदी-बिक्री करवा रहा है। बताया जा रहा है कि, इनके साथ कुछ शासकीय कर्मचारियों का भी मार्गदर्शन है। इस तरह बैकुण्ठपुर तहसील कार्यालय में बाबू तहसीलदार के ऊपर हावी है या तहसीलदार उनके ऊपर हावी है। ऐसा मालूम पढ़ता है कि, प्रशासन इन्हीं के इशारे पर चल रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, तहसील कार्यालय में लोग पैसे देगें उन्हीं का कागज आगे बढ़ेगा, ऐसा कार्य हो रहा है, जो नहीं देगा उसका कागज टेबल के नीचे आ जाता है। लोगों के द्वारा कहा जा रहा है कि, एस.डी.एम. महोदया जी तहसील कार्यालय के बाबूओं को वहां से हटाकर दूसरों को स्थापित करें ताकि तहसील कार्यालय में सूचारू रूप से कार्य हो सके। और आदिवासी बीरन सिंह के द्वारा तहसील कार्यालय के बाबू के ऊपर जो आरोप लगे हुए है उस पर कार्यवाही होगी या नहीं ? और नहीं होती है तो जनता मानती है कि, राजनितिक दबाव के कारण कार्यवाही नहीं होगी।