बैकुण्ठपुर मुख्यालय के समीप पटना तहसील पूर्व में बाबू के पद पर पदस्थ था आज सोनहत ब्लाॅक के तहसील आॅफिस में कार्यरत् है, जिसे बताया जाता है कि, जब वह पटना में था तब उसका भाई कांग्रेसी होने के कारण उसको पूर्व विधायक का आशीर्वाद प्राप्त था। लोगों द्वारा कहा जाता है कि, वह बाबू पटना में पैसा वसूलने में सबसे बड़ा माहिर रहा। उस बाबू के खिलाफ पूर्व में कुछ लोगों के द्वारा शिकायत भी किया गया था परंतु पूर्व विधायक ने कलेक्टर को भी चमका दिया था।
मिली जानकारी के अनुसार, आज उस बाबू के द्वारा पैसा वसूली करके बैकुण्ठपुर में बहुत बड़ा दो मंजिल का मकान बना लिया है। जिसकी लागत लगभग 2 करोड़ का बताया जाता है। अभी हाल ही में तहसील कार्यालय सोनहत में कार्यरत् है। बताया जाता है कि, नयाब तहसीलदार का बाबू बिना पैसे के कोई कागजात नहीं बनाता। जानकार सूत्र बताते है कि, पहले कांगे्रस का दबदबा था आज वही चरणदास मंहत का धमकी देता है।
जानकारी है कि, प्रतिदिन उस बाबू द्वारा लगभग 4-5 हजार रूपये निकाल लेता है क्या इसमें सोनहत के एस.डी.एम की भी मिलीभगत है ? नहीं है तो कार्यवाही क्यों नहीं होती ? सोचने वाली बात है कि, तहसील सोनहत का बाबू अपनी गाड़ी से बैकुण्ठपुर घर आता है और अपनी ही गाड़ी से सोनहत तहसील कार्यालय जाता है तो इनका आने-जाने का खर्चा क्या शासन देता है ? या वसूली के पैसे है ? बाबू का रहन-सहन और दो मंजिल मकान की जांच की जाये कि, आय से ज्यादा सम्पत्ति/पैसा कहां से आया ?