अंबिकापुर : गांधीनगर थाना क्षेत्र के ग्राम सुखरी गांव में जमीन से जुड़े मामले की जांच करने पुलिस पहुंची थी। पुलिस टीम की पूछताछ के दौरान किसान रामसुंदर राजवाड़े की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर धमकाने का आरोप लगाया है।
वहीं अंबिकापुर जिला अस्पताल में परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मामला गरमाने के बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस का कहना है कि, नए कानून लागू होने के बाद पुलिस के तेवर बदल गए हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि, हार्ट अटैक और पूछताछ का कोई लेना देना नहीं है।
इधर सरगुजा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता भी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों के साथ पहुंचे। उन्होंने भी पुलिस की प्रताड़ना से किसान रामसुंदर राजवाड़े की मौत होने का आरोप लगाया। सरगुजा कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नए कानून के आते ही पुलिस का रौद्र रूप बढ़ता जा रहा है। पुलिस की दिनों दिन बढ़ती प्रताड़ना के कारण लोग डर के साएं में जीने को मजबूर हैं। सरगुजा कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि हेड कॉन्स्टेबल वीनारानी तिर्की सहित दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच और कारवाई होना चाहिए। अगर जिम्मेदारों के द्वारा इस मामले की जांच कर कार्रवाई नहीं की गई तो सरगुजा कांग्रेस आंदोलन करेगी।
इस मामले में जब सरगुजा एएसपी अमोलक सिंह ढिल्लो से बात की तो उन्होंने बताया कि सरगुजा पुलिस पर जो भी आरोप लगाएं जा रहे हैं, वे बिल्कुल ही निराधार हैं। क्योंकि मृतक रामसुंदर राजवाड़े की मौत का होना पुलिस की पूछताछ से इसका कोई संबंध नहीं है। मृतक रामसुंदर राजवाड़े को पहले से ही बीपी, शुगर सहित अन्य बीमारियां थी, इसके कारण से उसकी मौत हुई है।