बैकुण्ठपुर मुख्यालय के उप पंजीयक कार्यालय में पूर्व से ही जोरो-शोरो से रजिस्ट्री चल रही है। बताया जाता है कि, जमीनों की रजिस्ट्री में रजिस्ट्रार 4-8 प्रतिशत तक अपना कमिशन लेते आ रहे है। जिसमें पूर्व रजिस्ट्रार स्टाॅम डियूटि में हेरा-फेरी कर जमीनों के वृक्षों को छुपा लिया गया है। जानकार सूत्र बताते है कि, अभी हाल ही में उप पंजीयक कार्यालय में नया रजिस्ट्रार आये है। वह भी पूर्व के रजिस्ट्रार से दो हाथ आगे रखते है।
पूर्व मार्गदर्शन रोड पर डेढ़ एकड जमीन में लगभग दस हरे-भरे हर्रा के पेड़ को कैसे छिपाया गया या बताया नहीं गया ? जानकार सूत्र बताते है कि, उप पंजीयक द्वारा उस जमीन की रजिस्ट्री में अच्छा-खासा पैसा लिया था। जब पैसा नहीं लिया जाता तो हरे-भरे वृक्षों को दर्शाया जाता। क्योंकि भू-माफिया पटवारी के लड़के का मामला है। बताया जाता है कि, इसलिए पटवारी व उप पंजीयक ने मिलकर राजस्व स्टाॅम की चोरी की।
जानकार सूत्र बताते है कि, आये दिन उप पंजीयक के यहा रोज रजिस्ट्रियां हो रही है। उनसे उप पंजीयक मोटी-खासी रकम ले रहे है। पैसा लेने का तरीका भी उप पंजीयक का और बाबूओ का अलग-अलग है। क्योंकि उप पंजीयक कार्यालय के पास भू-माफिया भी भ्रमण करते रहते है। उनका काम ही जमीनों की बिक्री करना है। कम दामों में खरीदना और ऊंचे दामों में बेचना। इनका पेशा है।
यहां तक कि, बताया जाता है पूर्व में दलालों द्वारा जल संसाधन विभाग मंडलपारा के पास की जमीन को भी बेच दिऐ। क्योंकि राजस्व विभाग में पटवारियों की पूछ-परख है। कहीं भी किसी भी जमीन का खसरा व नक्शा बना कर दे सकते है। बताया जाता है कि, छोटी झाड के जंगल को भी बेच दे रहे है।
जानकार सूत्र बताते है कि, पाॅलिटेक्निक काॅलेज के आस-पास पूरी छोटी झाड का जंगल है। पर नकल शाखा बैकुण्ठपुर में पूरा दस्तावेजों में काट-छांट कैसे किया गया ? बताया जाता है कि, नकल शाखा में पैसे के बल पर सब मंजूर है। आप नकल शाखा में देखिए चपरासी से लेकर बाबू तक ऐसे पैसे भर रहे है जैसे कचडा हो। लोगों में चर्चा है कि, नकल शाखा में पटवारी भी इसमें सम्मिलित रहते है।
जानकार सूत्र बताते है कि, पूराने रिकाॅर्ड को देखा जाए तो चेर के गेज नदी के ऊपर बांए हाथ में पूरा छोटी झाड का जंगल है। जिसका खसरा नं. 48 बताया जाता है उस पर चर्चा किया जा रहा है। और उस जमीन को बेच-बेच कर करोड़ों के आसामी बन गये है। बताया जाता है कि, जिस व्यक्ति के पास खाने तक का पैसा नहीं था आज शान-शौकत में चल रहे है। लोगों में चर्चा है कि, रजिस्ट्रियां उप पंजीयक कार्यालय में पटवारी, रजिस्ट्रार और लिखने वाले को पैसा दो तो सब काम हो जाते है। खेल बड़ा मजे का है राजस्व विभाग वन विभाग के ऊपर रखता है और वन विभाग राजस्व विभाग के ऊपर रखता है और अच्छे से जमीने बिक रहे है। वहीं दलाल, पटवारी और उप पंजीयक मालामाल हो रहे है। उप पंजीयक का पैसा लेने का तरीका अगली बार बताया जायेगा। ……