Home पूजा-पाठ 16 जून, रविवार को गंगा दशहरा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…………..

16 जून, रविवार को गंगा दशहरा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…………..

48
0

ज्येष्ठ माह में आने वाले सभी त्योहारों का विशेष महत्व है। इस माह में वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, अपरा एकादशी जैसे बड़े पर्व आते हैं। इन्हीं में से एक है गंगा दशहरा!

हिंदू धर्म में गंगा स्नान को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां गंगा को देवी माना जाता है और गंगा मां की उपासना के लिए गंगा दशहरा का दिन सबसे उत्तम माना जाता है।

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस तिथि को बेहद ही शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा नदी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही दान जैसे पूण्य कार्य करते हुए गंगा में स्नान किया जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन ही मां गंगा धरती पर प्रकट हुई थीं। ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर हो जाते हैं और साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

शास्त्रों में गंगा माता को मोक्षदायिनी भी कहा गया है। ये भी माना जाता है कि गंगा नदी शिव जी की जटाओं से निकलती हैं, इसलिए इस दिन शिव जी की भी पूजा करनी चाहिए। इससे विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

वैदिक पंचांग के मुताबिक, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून रात्रि 2:32 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 17 जून सुबह 4:45 पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, गंगा दशहरा पर इस साल 16 जून 2024, रविवार के दिन मनाया जाएगा। साथ ही, इस दिन रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है, जिन्हें पूजा-पाठ, स्नान-दान के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है।

गंगा दशहरा की पूजा विधि
  • गंगा दशहरा पर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करें।
  • इसके बाद साफ वस्त्रों का धारण करके सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
  • इस शुभ दिन पर गंगा मां के साथ-साथ शिव जी की पूजा करने का भी विधान है।
  • इस दौरान गंगा स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
  • पूजा के बाद आप जरूरतमंद लोगों को दान कर सकते हैं।

गंगा स्नान से ये पाप होते हैं नष्ट
गंगा स्नान करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से 10 पाप नष्ट हो जाते हैं। इनमें निषिद्ध हिंसा, परस्त्री गमन, बिना दी हुई वस्तु को लेना, कठोर वाणी, दूसरे के धन को लेने का विचार, दूसरों का बुरा करना, व्यर्थ की बातों में दुराग्रह, झूठ बोलना, चुगली करना, दूसरों का अहित करना शामिल है।

ऐसा कहा जाता है कि, गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी छुटकारा मिलता है। गंगा दशहरा के दिन मोक्षदायिनी गंगा माता की पूजा करने से, पितरों का तर्पण करने से पुत्र और मनोवांछित फल प्राप्त होता है। ऐसा माना गया है कि इस शुभ दिन पर जल, अन्न, श्रृंगार का सामान, शक्कर, वस्त्र, फल, स्वर्ण का दान करना बेहद शुभ होता है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here