बैकुण्ठपुर में भू-माफियों के खिलाफ आये दिन समाचार प्रकाशित हो रहा है। इसी बीच एक पीड़ित महिला के द्वारा बैकुण्ठपुर प्रशासन को बार-बार शिकायत करने के पश्चात् भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। उस महिला का मकान कच्चा कंड़ी-खप्पर का है। वह मकान सन् 1984 से स्थापित है और महिला के मकान से लगा हुआ एक शांति देवी सोनी नामक महिला ने उस जमीन को सन् 1994 में बेच दी। उससे पूर्व महिला के कच्चे मकान कंड़ी-खप्पर के बरसात का पानी का निस्तार होता चला आ रहा है। परंतु जिस व्यक्ति को शांति देवी सोनी ने जमीन बेची है उनके द्वारा बरसात के पानी को लेकर निस्तार करने के लिए आनाकानी किया जा रहा है। क्या पूर्व से हो रहा बरसात के पानी का निस्तार को रोका जा सकता है ?
सुखाचार अधिनियम की धारा-4 में लिखा है कि, पूर्व से जिस व्यक्ति के घर बरसात के पानी का निस्तार है उसे रोका नहीं जा सकता। जिसकी जानकारी सही-सही माननीय विधायक को लिखित रूप से दे दिया गया है। क्योंकि प्रशासन को पत्र लिखते-लिखते महिला थक चुकी है। इसलिए महिला ने विधायक को पत्र लिखा और उनके एक नजदीकी चाहने वाले को भी व्हाट्सएप पर डाला गया। अब देखना यह है कि, विधायक के पास जो महिला एवं उनके पति के द्वारा पत्र लिखा गया है उसकी कार्यवाही निष्पक्षता से करवा पायेंगे या नहीं ? नहीं करा पाते तो जनता का क्या हित ?