बैकुण्ठपुर मुख्यालय में पटवारी बालमिकी मिश्रा द्वारा जमीन से संबंधित हेरा-फेरी को लेकर तरह-तरह की आवाजें उठ रही है। इनके द्वारा पूर्व में राजाराम शिवहरे की जमीन को लेकर हेरा-फेरी किया गया था। जो कि वशिष्ठ टाइम्स समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया। उस समय समाचार पत्र को देखकर राज्यपाल दिनेश नन्दन के द्वारा बालमिकी मिश्रा का स्थानातंरण किया गया।
कुछ सूत्रों द्वारा मालूम पड़ा है कि, पटवारी द्वारा एक व्यक्ति का प्लाटिंग करने पर एक प्लाट दबाववश फ्री में ले लिया गया और एक महिला के जमीन 25-22-60 है वहीं अनावेदक की जमीन 20-22-60 है परंतु पटवारी बालमिकी मिश्रा द्वारा महिला की जमीन को 3 फुट दबा दिया गया। पटवारी बालमिकी मिश्रा इतना शातिर है कि, मौके पर मौजूद तहसीलदार, पूर्व जिला सी.ओ. और आर.आई. को भी उसने चकमा दे दिया। क्योंकि बालमिक मिश्रा के पास तिलिस्मी जादू का चांदो एवं फीता पैसे के बल पर चलता है। उनको जितना पैसा दोगे उतना ही फायदा करायेगा। अभी कुछ सूत्रों से मालूम पड़ा है कि, बाईपास रोड पर एक जमीन को लेकर 58 लाख रूपये का लेन-देन हुआ है।
वहीं बालमिकी मिश्रा के सुपुत्र ने जमीनों की खरीदी बिक्री का काम चालू किया है। जिसमें अपने पिता का नाम रजिस्ट्री में बी.के. मिश्रा लिखना चालू कर दिया है। पूर्व में एक व्यक्ति से पैसा लेन-देन की फोटो व समाचार पत्र की फोटो काॅपी कलेक्टर महोदय जी को भी उपलब्ध करा दिया गया है। बालमिकी मिश्रा पर ऐसा क्या करिशमा है जो कि पूरे राजस्व विभाग पर काबू कर के बैठा है ?
जानकार सूत्र बताते है कि, अभी हाल ही में डेढ़ एकड जमीन भू-माफियों द्वारा नापी गयी है जिसमें शासकीय कर्मचारी व्यक्ति भी देखा गया और बालमिकी मिश्रा जी के द्वारा पूराने नक्शे को लेकर हेरा-फेरी करने का पूरा कोशिश किया गया है। क्योंकि उनके पुत्र का पैसा इस जमीन में लगा हुआ है। उस पैसे को पूरा बदनियत से पूराने नक्शे को दरकिनार कर दिया गया। क्या राजस्व विभाग में जितने भी पटवारी आते है वह नक्शे ही बदलते रहते है ?
जानकार सूत्र बताते है कि, बालमिकी मिश्रा जमीनों में हेरा-फेरी करने में महारथी कहे जाते है। उन्होनंे डेढ़ एकड जमीन में लगभग 10 हर्र के पेड़ को रजिस्ट्री में नहीं दर्शाया गया ? राजस्व विभाग की स्टाॅम की डयूटि चोरी का भी रास्ता बनाया है। यह चर्चा विषय है कि, रजिस्ट्रार्ड ने भी लम्बी रिश्वत ली है। क्योंकि उस जमीन में प्लाटिंगबाजी करके करोड़ो का मुनाफा कमायेंगे। यह भी एक चर्चा का विषय है कि, इसमें लगभग 12 लोग सम्मिलित है। किसी दिन इस जमीन को लेकर किसी का मर्डर भी हो सकता है ?
क्या राजस्व विभाग ने आशोक शर्मा व विश्वकर्मा को वन विभाग में पेड़ो की कटाई का सहयोग प्रदान चालू कर दिया है ? इनके आरा मिल में रखी सभी लकड़ी अवैध है। सभी अधिकारियों को पैसे दे-देकर बांध कर रखा है। जिससे यह कटाई करता है उस आरा को जप्त किया जाये और भोली-भाली जनता को 500-1000 रूपये देकर पेड़ो की कटाई की जा रही है उन्हें रोका जाये। यह आमजनता की विचारधाराएंे है। और जानकारी मिलने पर समाचार प्रकाशित किया जायेगा।