बैकुण्ठपुर आनी : ठेकेदोरों के हवाले सरकार की योजना हर घर नल, हर घर जल योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ दी है। आनी में इस योजना को संचालित किया गया, परंतु यह योजना कारगर साबित नहीं हुई। इस योजना के असफलता के पीछे ठेकेदार, अधिकारी व नेता जिम्मेदार है। खुद तो इस भयंकर गर्मी में एसी कमरे में बैठकर संचिकाओं को आगे बढ़ा रहे है। परंतु गांवों में पानी की किल्लत व मवेशियों की प्यास नहीं दिख रही।
ग्राम पंचायत आनी में इन दिनों पानी को लेकर बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी है। जिसे लेकर ग्रामीण जलनल योजना को लेकर विरोध कर रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि, स्थानिय जलप्रतिनिधि व ठेकेदार जैसे-तैसे काम अधूरा करके चले गये है। बड़ी शर्म की बात है कि, बैकुण्ठपुर के गोद में बसी आनी को हर घर नलजल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
ग्राम पंचायत आनी में नहर की भी सुविधा दी गयी है परंतु अभी ग्रीष्मकालीन में भी पानी चालू नहीं किया गया है। जिससे गांव वालों को हैण्डपम्पों के सहारे जलापूर्ति करना पड़ रहा है। वही हैंण्डपम्पों की भी जल स्तर काफी हद तक निचे चली गयी है। जिससे ग्रामीणों की समस्या बन गयी है।
आनी में लोगों को घरों पर ही पानी उपलब्ध कराने नल.जल योजना पर लाखों रुपए तो खर्च हो गए, लेकिन लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। वहीं योजना के हालात भी यह हैं कि हैंडपंप में विद्युत पंप लगा दिया और एक निजी घर से बिजली कनेक्शन कर दिया, लेकिन एक भी दिन पानी सप्लाई नहीं हुआ। नतीजतन घरों में लगीं पेयजल सप्लाई की यह टोंटियां अब सिर्फ शोपीस बन गई हैं।
मामला आनी क्षेत्र गांव का है। जहां पर जल जीवन मिशन के तहत नल-जल योजना तैयार की गई। लाखों रुपए की इस योजना के तहत स्टैंड बनाकर उस पर पांच-पांच हजार लीटर की पानी की टंकी रखवाईं और लाइन बिछाकर घरों पर टोंटियां लगा दीं। ग्रामीणों का कहना है कि, सिर्फ एक दिन टोंटियों में पानी आया और उसके बाद से इन टोंटियों में पानी ही नहीं आया। इससे ग्रामीण पेयजल के लिए परेशान हो रहे हैं। अब देखना यह है कि, इस समस्या पर कलेक्टर महोदय, जलप्रतिनिधि एवं नेताओं द्वारा क्या कदम उठाते है ?