बैकुण्ठपुर एवं एम.सी.बी. के अन्तर्गत ऐसे नयी पीढ़ी के पत्रकार पैदा हो गये है। जिन्होनें पत्रकारिता की धौस देकर पूरा परिवार नगर पालिका से लाभ उठा रहा है। जैसे उसी के परिवार के लोग नगर पालिका में नौकरी व उसी परिवार का सदस्य रायपुर में पढ़ता है परंतु नगर पालिका से 1500 रूपये बेरोजगारी भत्ता का लाभ भी उठा रहा है। सोचने वाली बात है कि, पटवारी ने किस आधार पर आय प्रमाण पत्र दिया ? जबकि दो व्यक्ति की आय लगभग 2,40,000 रूपये वार्षिक आय होती है। वहीं लगभग पत्रकारिता की आय 3-4 लाख रूपये सलाना होती है परंतु पटवारी ने आय प्रमाण पत्र कैसे बनाया ? और बेरोजगारी भत्ता कैसे मिला ? जबकि उसी परिवार का एक व्यक्ति रायपुर में पढ़ता है। जबकि पत्रकारिता निष्पक्ष होना चाहिए। पर पत्रकारिता की आड में करोड़ो के आसामी बन चुके है। या तो नगर पालिका अध्यक्ष दवाब में चल रहे है या सी.एम.ओ. दवाब वश। क्योकि पत्रकार झूठे व भ्रमित समाचार के मामले में व्याख्यात है। पूरा नगर पालिका इस पत्रकार के दबाव में चल रहा है। जब इलेक्शन का समय आता है तो जन सम्पर्क अधिकारी का दिया हुआ चुनाव प्रवेश पत्र को लोगों को ऐसे दिखाते है कि, कौन सा हमको राजपाट मिल चुका है। क्योंकि प्रशासन ऐसे लोगों को सिर पर चढ़ाए हुए है। ऐसे बेरोजगारी भत्ता उठाने वाले बहुत से लोग जो नौकरी भी कर रहे है और बेरोजगारी भत्ता उठा रहे है। पूरा बेरोजगारी भत्ता के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। जो लोग क्राइटेरिया के अन्तर्गत नहीं आते है वो भी लाभ उठा रहे है। ऐसे भी व्यक्ति है जो कि पत्रकारिता के नाम से शासकीय जमीन पर कब्जा कर व न्यायालय के नाम पर उसी के परिवार के लोग गांव-गांव जाकर टेंट लगाकर कानून की समझाइस न्यायधीश द्वारा जानकारी दी जाती है। उसी के परिवार द्वारा टेंट वालो से कमिशन की अधिक वसूली की जाती है। और ऐसे बहुत से पत्रकार है जो आई.डी. सामने लटका लेते है और अधिकारियों को पत्रकारिता के नाम पर माइक दिखाकर पैसे की अवैध वसूली भी करते है। शाम के टाइम उन्हीं लोगों के द्वारा जो प्रेस क्लबों में जाकर चखना, दारू का अड्डा बना लिए है। क्योंकि जितने भी छत्तीसगढ़ में संगठन बने हुए है। उनका ज्यादातर लोगों का काम यही है। पत्रकार बेलगाम हो चुके है। इसी संबंध में कुछ बुद्धिजीवियों ने अपने सुझाव भारत सरकार दिल्ली भी भेजे है इस पर लगाम लगायी जाये। छत्तीसगढ़ शासन प्रेस व किसी चैनल के माध्यम से उसका दूरूपयोग करते है तो उस पर कड़ी कार्यवाही की जाए।