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कोरिया : सुनिश्चितशासकीय विभाग भुगतान पर स्रोत कर की कटौती करें, संचालक कोष लेखा एवं पेंशन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दी महत्वपूर्ण जानकारी, वित्त विभाग से सभी विभागों को निर्देश…………..

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कोरिया :  वित्त विभाग ने केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 एवं छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 51 के प्रावधानों के अनुसार शासकीय विभागों द्वारा की जाने वाले सामग्री खरीदी एवं सेवा प्राप्ति पर प्रदायकर्ताओ को तथा ठेकेदारों को किए जाने वाले भुगतान पर स्रोत पर कर की कटौती (जीएसटी -टीडीएस) के सम्बंध में विशेष निर्देश दिए हैं।

संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन श्री महादेव कावरे, संयुक्त संचालक श्री लाजुस मिंज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के डीडीओ को इस बाबत महत्वपूर्ण जानकारी दिए साथ ही वित्त विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए कार्य करने के निर्देश भी दिए।

कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने जिले के विभिन्न विभागों में पदस्थ डीडीओ को वित्त विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं।

बता दें वित्त विभाग द्वारा समस्त विभाग अध्यक्ष राजस्व मंडल, कमिश्नरों, विभागाध्यक्षों और कलेक्टरों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। शासकीय विभाग या स्थापना, स्थानीय प्राधिकारी, शासकीय अभिकरण, शासन के किसी भी डीडीओ द्वारा (किसी कराधेय वस्तु या सेवा हेतु) रूपये 2.5 लाख से अधिक भुगतान होने पर, 2 प्रतिशत (1 प्रतिशत सीजीएसटी 1 प्रतिशत एस जीएसटी अथवा 2 प्रतिशत आईजीएसटी ) की दर से स्रोत पर कटौती जीएसटी – टीडीएस किया जाना है।

अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सभी शासकीय विभागों तथा स्थानीय प्राधिकारियों को जीएसटी, के अंतर्गत स्रोत पर कटौतीकर्ता (टीडीएस डेडक्टर) के रूप में रजिस्ट्रेशन लिया जाना है। विभागों द्वारा खरीदी जाने वाली सामग्री, मशीन- उपकरण, फर्नीचर, स्टेशनरी अथवा अन्य कोई भी वस्तुएं, निर्माण कार्यों एवं ठेकों (कॉन्ट्रैक्ट) तथा लिये जाने वाली किसी भी प्रकार की सेवाओं की राशि पर जीएसटी – टीडीएस करने के पश्चात्वर्ती माह की 10 तारीख तक रिटर्न जीएसटीआर-07 में प्रस्तुत किया जाना है।

वित्त निर्देश 12/2024 के तहत समस्त कोषालयों/निर्माण विभागों/वन विभागों के भुगतान प्राधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा वस्तु एवं सेवा प्रदाय के भुगतान सम्बन्धी  प्रस्तुत देयकों में प्रदायकर्ताओ की जीएसटीआईएन को चिन्हांकित करने की व्यवस्था की जाए तथा देयकों के भुगतान के पूर्व यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रदायकर्ता द्वारा दिया गया जीएसटीआईएन वर्तमान सक्रिय/वैध हो।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिले के विभिन्न विभागों के डीडीओ तथा जिला कोषालय अधिकारी उपस्थित थे।

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