बैकुण्ठपुर : अल्ट्राटेक सीमेंट अपने को नंबर वन बतलाने वाली कम्पनी है। यह कम्पनी विज्ञापनों में बहुत बड़ा-बड़ा प्रचार करती है परंतु इस क्रेक मकान को लेकर लोगों के साथ धोखा साबित हो रहा है। कम्पनी के एजेंट व इन्जीनियरों ने नवनिर्माण मकान को आकर देखा तो उन्होनें अपनी कम्पनी के सीमेंट की आलोचना नहीं कर पाये। क्योंकि उस कम्पनी का नमक एवं वेतन ले रहे है। यह क्रेक मकान को लेकर लोगों का कहना है कि, जिस कम्पनी के सीमेंट से क्रेक मकान हुआ है उस कम्पनी को मकान का पूरा रिपेरिंग करके दंे। पर कम्पनी के एजेंट व इन्जीनियर चाहते है कि, ग्राहक को ऐसे ही धोखा देकर काम चल रहा है तो हम उस मकान की मरमत क्यों करें ? भारत सरकार एवं खनिज अधिकारी इस कम्पनी से क्रेक मकान को लेकर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। जब किसी मिठाई दुकान या किसी खाद्य पदार्थ में 100 पेटी में से 1 पेटी खराब हो जाती है तो 99 पेटी को भी रद्द कर दिया जाता है। अब देखना यह है कि, अल्ट्राटेक सीमेंट में खामिया निकलने पर कम्पनी के एजेंट व इन्जीनियर क्या एक्शन लेते है ?
हितग्राही ने लगभग हजारो बोरी समय-समय पर जरूरत के हिसाब से विक्रेता से लेते रहे है। गुप्ता सीमंेट व रॉड (छड़) विक्रेता इसके लिए गवाह है। जब मकान एक जगह क्रेक होता है तो माना जाता है कि, बीम के कारण शिकायत आ सकती है। परंतु जगह-जगह क्रेक हो रहा है इससे साबित होता है कि, सीमेंट ही घटिया है। वहीं कम्पनी के एजेंट व इन्जीनियर अपने उच्च अधिकारियों को जानकारी देने में असमर्थ है। वह इन्जीनियर चाहते है कि, जब हमारा सीमेंट बिक रहा है तो हम क्यों आगे शिकायत की जानकारी दें ? इस समाचार के माध्यम से कम्पनी को अवगत कराना होगा कि, कम्पनी के ऊपर लाखों के हरजाने को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाना लाजमी होगा। यह क्रेता साबित करेगा कि, इस मकान के क्रेक को लेकर कम्पनी एक धोखा है। जिसकी पूरे हरजाने व खर्चे की जिम्मेदारी अल्ट्राटेक सीमेंट कम्पनी की होगी। कम्पनी के द्वारा कोई जानकारी क्रेता को नहीं मिलती है तब तक क्रेता समाचार के माध्यम से राष्ट्र स्तर पर समाचार प्रकाशित करते रहेगें।