प्रयागराज कुंभ को यादगार बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर, दुनियाभर से आएंगे करोड़ों श्रद्धालु
उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में 15 जनवरी से आयोजित होने वाले कुंभ मेले को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। उत्तरप्रदेश के ऊर्जामंत्री कांत शर्मा ने गुरुवार को यहां पत्रकारों को बताया कि इस बार कुंभ मेले में 5 हजार प्रवासी भारतीयों और देश के 6 लाख गांवों से करोड़ों लोगों के साथ-साथ दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु भाग लेंगे।
राज्य सरकार और रक्षा मंत्रालय के सहयोग से 450 वर्षों में मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को पहली बार अक्षय वट और सरस्वती कूप के दर्शन करने का अवसर मिलेगा तथा मेले का आयोजन त्रिवेणी संगम
पर होता है लेकिन इसका संबंध संपूर्ण प्रयागराज क्षेत्र है लिहाजा सरकार ने संबंधित सभी क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण
कराया है।
कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए पहली बार जल, थल और
नभ मार्गों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। प्रयागराज में हर 6 वर्ष बाद कुंभ का आयोजन होता है लेकिन विकास की प्रक्रिया निरंतर चलती रहे, इसके लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन किया गया है और जन कल्याणकारी योजनाओं के तहत स्थायी विकास कार्य किए हैं।
इस बार का प्रयागराज कुंभ अब तक का सबसे अनुठा होगा और पूरी दुनिया इसमें हिस्सेदारी कर रही है। लगभग 71 देशों के राजदूत इसकी तैयारी देख चुके हैं, साथ ही उन्होंने अपने-अपने देशों के राष्ट्रध्वज त्रिवेणी तट पर लगाए हैं। जनवरी में प्रवासी भारतीय दिवस वाराणसी में होने जा रहा है और फरवरी में करीब 192 देशों के प्रतिनिधि कुंभ मेले में आएंगे।
यात्रियों की भारी तादाद को देखते हुए व किसी आशंकित भगदड़ अथवा अवांछित घटनाओं की रोकथाम के लिए
एकीकृत नियंत्रण कक्ष और कमान केंद्र के माध्यम सीसीटीवी कैमरों की मदद से हर गतिविध पर निगरानी की
जाएगी। इस तकनीक के माध्यम से कानून व्यवस्था की स्थिति और यातायात को भी नियंत्रित किया जाएगा। इसके साथ-साथ स्वच्छता पर भी निगरानी की जा सकेगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पहली बार 10,000 व्यक्तियों की क्षमता वाला गंगा पांडाल, 2,000 की क्षमता वाला प्रवचन पांडाल और 1-1 हजार की क्षमता वाले 4 सांस्कृतिक पांडाल स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा 20 हजार श्रद्धालुओं के लिए यात्री निवास की व्यवस्था की गई है। इससे पूर्व कांत शर्मा ने राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह से भेंट कर उन्हें और प्रदेश की जनता को कुंभ मेले में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।