जशपुरनगर : जिले में सर्पदंश से पीड़ित लोगों को अब तत्काल मदद के साथ ही बेहतर उपचार भी मिल रहा है।
जिला प्रशासन की पहल से जिले में सर्पदंश के प्रति लोगों को जानकारी देने एवं जागरूक करने सभी विकासखण्डों में विभिन्न शिविरों को आयोजन किया गया। जिससे लोगों में जागरूकता आई है। अब सर्पदंश पीड़ितों को अस्पताल पहुंच रहे हैं। बगीचा के ग्राम पंचायत खरीडार निवासी 21 वर्षीय ललिता की सर्पदंश की सूचना मिलते ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बगीचा लाया गया। पीड़िता को तत्काल एंटी वेनम के साथ ही स्वास्थ्य सुविधा दी गई। जिसके बाद पीड़िता की सेहत बेहतर है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में सांप के काटने पर लोग अस्पताल से पहले झाड़फूंक का सहारा लेते थे। लेकिन जिला प्रशासन की पहल से अब लोगों में न सिर्फ जागरूकता आई बल्कि सर्पदंश से पीड़ित लोगों को तत्काल अस्पताल लाया जा रहा है। जिससे पीड़ित को तत्काल मदद व बेहतर उपचार भी मिल रहा है। सर्पदंश के मामले को लेकर जिला प्रशासन लगातार जागरूकता अभियान भी चलाती रहती है। जिसके परिणाम स्वरुप लोगों इलाज के साथ ही सर्पदंश से बचाव के लिए पूर्ण रूप से जागरूक हो रहे हैं। सर्पदंश से पीड़ितों के बचाव के लिए अस्पतालों में करीब एंटी स्नैक वेनम डोज रखे गए हैं। इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इंजेक्शन का स्टॉक है। जन जागरूकता टीम द्वारा लगातार आमलोगों से सांप काटने पर अस्पताल लाने की अपील की जा रही है साथ ही जागरूक किया जा रहा है। ताकि समय पर इलाज कर मरीज की जान बचाई जा सके।
प्राथमिक प्रसंस्करण की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 03 एवं 04 अप्रैल को-
जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिक प्रसंस्करण की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजना 03 एवं 04 अप्रैल 2024 को किया जा रहा है। जिसमें जिले के अग्रणी वनोपज संग्राहक, करसन उत्पादक संगठनों के किशन, महाराष्ट्र के जावर से आए कृषक, जशपुर के पड़ोसी जिले सिमडेगा के किसान प्रशिक्षण का लाभ लेंगे।
विगत वर्षों से जिला प्रशासन द्वारा महुआ प्रसंस्करण के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास को राज्य में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी साराहा जा रहा है, जहां आदिवासी समुदाय महुआ से शराब बनाने के प्रक्रिया से अलग होकर महुआ फूल से विभिन्न स्वादिष्ट एवं पौष्टिक खाद्य सामग्री बनाकर आय अर्जन कर रहे हैं। इस प्रयास को समीप के झारखंड राज्य के सिमडेगा जिला पुलिस प्रशासन द्वारा वहां के जन समुदाय विशेष कर महिला स्वयं सहायता समूह को प्रशिक्षित करना चाह रही है इसी क्रम में महाराष्ट्र से आए हुए आदिवासी क्षेत्र के सदस्य के साथ-साथ सिमडेगा जिले के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों का प्रशिक्षण रखा जा रहा है। इस प्रयास से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में महुआ प्रसंस्करण से खाद्य सामग्री तैयार कर रोजगार उत्पन्न करने के क्षेत्र में बल मिलेगा।
कार्यशाला में जिले के खाद्य प्रसंस्करण सहलाकर एवं युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन, जय जंगल फार्मर्स प्रोडूसर कंपनी के प्रशिक्षक प्रकाश नायक, फुल्जेंस टोप्पो, केन्द्पनी के जागरूक महुआ संग्राहक कर्णपाल सिंह प्रशिक्षण देंगे। कार्यक्रम में सिमडेगा जिले के जेएसएलपीएस झारखंड (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन झारखंड) के अधिकारी भी सम्मिलित होगें।
शत-प्रतिशत मतदान के लिए मतदाताओं को किया गया जागरूक-
जिले में स्वीप जागरूकता कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियां जारी है। लोकसभा निर्वाचन 2024 में शत-प्रतिशत मतदान के लिए जिले भर में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। विभिन्न ग्राम पंचायतों की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा सभी कलस्टर में नए मतदाताओं को मतदान हेतु प्रेरित किया जा रहा है। इसी कड़ी में बगीचा विकासखंड के ग्राम पंचायत छिछली श्र, ग्राम आरा सहित अन्य ग्रामों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मतदाता जागरूकता रैली निकालकर लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया।
इस दौरान नायक नित्यानंद साय शासकीय महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा गीतों व स्लोगनों के जरिए लोगों को शत-प्रतिशत मतदान हेतु सन्देश दिया। हाथों में वोट देने की अपील की तख्तियां में वोट डालने जाना है अपना फर्ज निभाना, देश का भाग्य विधाता बने आप मतदाता, सबसे बड़ा दान मतदान, मतदाता वोट हमारा अधिकार, जैसी स्लोगन के साथ महिलाओं ने जागरूकता का सन्देश दिया। इस दौरान सभी से लोकसभा चुनाव में 7 मई को मतदान करने का आह्वान किया। साथ ही नए मतदाताओं को मतदान में शत-प्रतिशत भागीदारी को लेकर शपथ भी दिलाई गई। लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी से मतदान करने की अपील की जा रही है। इसके लिए प्रतिदिन जिले भर में स्वीप गतिविधियों के अंतर्गत हर स्तर पर मतदाता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
महाराष्ट्र के जव्हार के कृषक ढेकी चावल, मिल्लेट्स कोदो, कुटकी एवं रागी प्रसंस्करण सेंटर का किया अवलोकन-
महाराष्ट्र के जव्हार से आए कृषक ने जशपुर विकासखण्ड के बालाछापर स्थित ढेकी चावल, मिल्लेट्स कोदो, कुटकी एवं रागी प्रसंस्करण सेंटर के साथ-साथ डिहाइड्रेशन यूनिट, मंथन फ़ूड लैब, जिला संग्रहालय एवं जैविक खेती के ट्रेनिगं सेंटर का अवलोकन किया। वैदिक वाटिका द्वारा विभिन्न प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग तकनीक पर प्रशिक्षण भी दिया गया।
जय जंगल फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी की मास्टर ट्रेनर अनेश्वरी भगत ने अतिथि किसानों को बालाछापर में किए जा रहे ढेकी से देसी चावल एवं मोटे अनाज (मिल्लेट्स) प्रसंस्करण का प्रशिक्षण दिया। ढेकी से देसी चावल एवं मोटे अनाज (मिल्लेट्स) प्रसंस्करण को देखकर कृषक काफी उत्साहित हुए।
जवाहर के आदिवासी किसान भरत तुकाराम खिरारी ने बताया की उन्हें ये तो पता था की ढेकी चावल ज्यादा स्वादिस्ट होता है एवं ज्यादा फायदेमंद होता है पर जशपुर आकर उन्होंने पहली बार जाना की वैज्ञानक जांच के बाद इनमें सच में कई सो गुना ज्यादा पौष्टीकता होती है एवं इसका बहुत ज्यादा मांग बाजारों में है, वहीं महेश शंकर पवार ने कहा की हमारे यहाँ कोदो और कुटकी की पहले खेती होती थी पर कुटाई की सुविधा एवं साधन नहीं होने से उसका खेती कोई नहीं करता, यहाँ आकर पता चला की बहुत आसानी से इसका प्रसंकरण कर इसको बाजार में बेचा जा सकता है। सभी कृषक इसके बाद मंथन फ़ूड लैब गए एवं वहां पर एनआरएलएम के जिला प्रमुख विजय शरण प्रसाद ने विस्तार से चर्चा करके विभिन पैकेजिंग उपकरण के कार्यपद्धति को बताया एवं खाद्य प्रसंस्करण से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी दी।