मध्य प्रदेश में नदी और जल संरक्षण को लेकर सोमवार से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कलश यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री यादव भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हाल में सुबह 10 बजे केन-बेतवा जल कलश यात्रा का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट भी मौजूद रहेंगे। प्रदेश के गावों में 11 मार्च से 13 मार्च तक जल जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के 17 जिलों के 3614 लाभान्वित गांवों में कलश यात्रा और जल आधारित विभिन्न कार्यक्रम होंगे। लोकसभा चुनाव से पहले लाभान्वित गांवों में दोनों नदी जोड़ो परियोजनाओं के फायदे ग्रामीणों को बताए जाएंगे। जल संसाधन अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के महत्व और जल संरक्षण पर केंद्रित नुक्कड़ नाटक, भजन प्रस्तुति के साथ-साथ कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। जिन गांवों को लाभ पहुंच रहा है इस यात्रा में गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, किसान, महिलाएं और छात्र-छात्राएं भी शामिल होंगे केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना दोनों नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना है। इसका लक्ष्य बिना जल सुविधा वाले इलाकों में सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराना है। केन-बेतवा से बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मध्य प्रदेश की केन नदी के जल को बेतवा नदी में ट्रांसफर करना है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का लक्ष्य चंबल, कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध समेत इसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त जल का उपयोग राज्य के दक्षिण-पूर्वी जिलों में करना है, जहां पीने और सिंचाई के लिये जल की कमी है।