बैकुण्ठपुर बाईसागरपारा में नगर पालिका द्वारा पाईप लाईन डलने से कुछ ऐसे सिरफिरे लोगों ने अपने ताकत का उपयोग किया है। यह लोग कलयुग की महिलाऐं हंै। इनको अपनी इज्जत आबरू की चिंता नहीं है। जैसे महिला नक्सलियों की विचारधारा होती है उसी प्रकार बाईसागरपारा की महिलाओं के सामने नगर पालिका नतमस्तक है। क्योंकि नगर पालिका के अध्यक्ष के परिवार की बात है तो वह कुछ भी कर सकती है या कुछ भी बोल सकती है। क्योंकि समाज की बात है। क्योंकि अध्यक्ष समाज के वोट से जीते है। इसलिए समाज के खिलाफ बोला भी नहीं जा सकता। रोड निर्माण में नये-नये लड़के अंडरमेन निपुल अपने को विधायक से कम नहीं समझता है। जानकार सूत्र बताते है कि, दिनभर अपने इष्ट मित्रों से मसरूफ रहता है। जो चोर लोग है उनसे सांठ-गांठ करते रहता है और सौतेला व्यवहार कर रहे है। वहीं रोड के निर्माण में गिट्टी की मात्रा अधिक और सीमेंट की मात्रा कम में ढलाई करायी जा रही है। सोचने वाली बात है कि, नगर पालिका अध्यक्ष ऐसे लोगों पर ध्यान दें ताकि रोड का निर्माण सही ढंग से किया जाये। क्योंकि भविष्य में आगे जाना है। आपका कार्यकाल ही लोगों को याद करायेगा। पैसा कभी काम नहीं आता, लाखों रूपये खर्च करने के बाद भी विधानसभा और लोकसभा में पद नहीं मिलती। बल्कि कार्यकाल अच्छा देखते हुए मिलती है। जिस मोहल्ले में रोड का निर्माण हो रहा है उसमें कुछ लोग ऐसे है जो अपने घरों में सीमेंट और मजदूरों से काम करा रहे है। यह जांच का विषय है कि, कलेक्टर महोदय इस संबंध में जांच करायेगे। नगर पालिका के सी.एम.ओ. मनीष बारे कहां रोड बन रहा और कहां नहीं बन रहा है उनको कोई बतलब नहीं है। जब से रोड का कार्य हुआ है उनके द्वारा कोई भी किसी प्रकार की जांच नहीं की गयी है। और रोड को घटिया तरीके से निर्माण किया जा रहा है। पूर्व का रोड 25-30 साल चला जिसमें कोई भी किसी प्रकार की खामिया नहीं आयी। जब पाईल पाईन के लिए रोड को तोड़ा गया तो लेबरों के पसीना छुट गये। देखने वाली बात है कि, रोड अध्यक्ष महोदय के कार्यकाल तक रहेगा की नहीं। और जब अवैध कनेक्शन जिन लोगों ने लिया है उनके उपर कार्यवाही होगा या नहीं ? जब प्रशासन ही अतिक्रमण करने वाले के नतमस्तक हो जाये। तो सोचने वाली बात है कि, रोड पर मकान बनाकर नगर पालिका और एस.डी.एम. के बिना अनुमति के मकान निर्माण कर लिया गया इससे ज्यादा दादागीरी क्या होगी।