बैकुण्ठपुर मुख्यालय में जेल में अपराधियों को जो कि 376 में है कुछ संगीन अपराध में है। जेल में सर्व सुविधा किसके इसारे पर दिया जा रहा है। अपराधियों की जानकार सूत्र बताते है कि, जेल डॉक्टर जेल अधीक्षक से सांठ-गांठ करके संगीन बीमारियों का न्यायालय में आवेदन लगाकर जिला अस्पताल में आराम करने का सुझाव दिया जाता है, जिसमें जेल डॉक्टर को इसमें क्या लाभ या पैसे के बल पर या दबाव वश अपराधियों को एक-एक हफ्तों के हिसाब से जिला चिकित्सालय में सर्व सुविधा दिया जाता है। जानकार सूत्र बताते है कि, जेल का खाना न खाकर बाहर से बियापी खाना जेल में जाता है। महीने-दो महीने के अन्तराल जेल डॉक्टर के द्वारा अपराधियों को संगीन बीमारी को बताकर उनको न्यायालय द्वारा इलाज के लिए अस्पताल लाया जाता है। इलाज के दौरान अस्पताल में अपराधियों के पास कुछ मनचले व अपराधी किस्म के लोग सम्पर्क में आते है जिसे मोबाईल पर बात कराना, बियापी खाना खाना और जेल में सभी तरह का सुख साधन उपलब्ध कराना है। यहां तक की जानकार सूत्र बताते है कि, जेल में नशीली पदार्थ भी व मोबाईल मेन गेट से उपलब्ध कराया जाता है। मेन गेट पर सामान पहुंचाने के लिए व अपराधियों से मुलाकात करने के लिए पैसा देकर मुलाकात करायी जाती है ऐसा कौन सा व्यक्ति है जो कि जेल अधीक्षक उनके इसारे पर सभी तरह की अनदेखी की जा रही है। जब कोई अधिकारी जेल की निरक्षण के लिए आते है तो उस समय जेल के स्टाप द्वारा पूरी साफ-सफाई जो जेल के अन्दर कृत्य किये जाते है वह सामान वहां से हटा दिये जाते है। अपराधियों का 6 महीने का रिकॉर्ड देखा जाये कि, कितने बार हॉस्पिटल में गये है और कितने दिन रहे है। इसे साबित होता है कि, डॉक्टर और जेल अधीक्षक का अपराधियों से किस आधार पर तालमेल खा रखा है या तो पैसे का बल या जुगाड़।
जेलर और डॉक्टर के तालमेल से अपराधियों को संरक्षण?
बैकुण्ठपुर मुख्यालय में जेल में अपराधियों को जो कि 376 में है कुछ संगीन अपराध में है। जेल में सर्व सुविधा किसके इसारे पर दिया जा रहा है।