छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फार्मासिस्ट काउंसिल ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने आप को फार्मासिस्ट बताने वाले 28 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर करवाई है. ये एफआईआर राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थाने में की गई है.
पुलिस सूत्रों से मौजूद जानकारी के मुताबिक ये सभी फर्जी फार्मासिस्टों के पास अन्य राज्यों की फार्मसी कॉलेज की डिग्री मौजूद है और इन्ही फर्जी डिग्रियों के आधार पर वे अपना रजिस्ट्रेशन कराने काउंसिल में आवेदन किए थे. इसमें बड़ी संख्या में प्रदेश के विभिन्न जिलों में रहने वाले कथित फार्मासिस्ट शामिल है.
रजिस्ट्रेशन के बाद मेडिकल दुकानों में लाइसेंस बेच देते है और इसके एवज में इन्हें मोटी रकम मिलती है. वहीं मेडिकल स्टोर का लाइसेंस देने ड्रग इंस्पेक्टरों और अधिकारियों की सेटिंग से वे अपना लाइसेंस किराये पर दे देते है, जिससे इन्हें सालाना बिना काम किए कमाई होती है.
वहीं इस मामले में और कई चौकाने वाले खुलासे होने वाले है. प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इन 28 लोगों में से करीब 1 दर्जन लोगों को हिरासत में भी ले लिया है और उनसे पूछताछ जारी है.
रमाकांत निषाद, खकन कुमार विश्वास, शीतल कुमार, सोनी मिश्रा, पवन रूंचदानी, राजनांदगांव, श्वेता विश्वकर्मा, छुट्टन विश्वास, सूरज कुमार,, रूखसार खातून, तुला रात साहू, ममता अग्रवाल, रजनी यादव, चंद्रेश कुमार साहू, दामेश्वर कुमार साहू, बाजू राम ओयम, मनोज कुमार चक्रधारी, रोशन साहू, संजय कुशवाहा, अनुदिव्या टांडिया, रविंद्र कुमार साहू, राधिका साहू, खेम लाल धीवर, रमेश साहू, रविंद्र कुमार, फूलचंद, द्वारिका प्रसाद वर्मा, अनामिका गुप्ता सहित अन्य पर एफआईआर दर्ज की गई है.