जलसंसाधन विभाग की काॅलोनी में अवैद्य रूप से कर रहे निवास
जिला-कोरिया बैकुण्ठपुर के जलसंसाधन विभाग में सेवानिवृत कर्मचारियों ने सालों से शासकीय मकानों में कब्जा किया हुआ है, जिसका शासकीय दर से कोई रेंट नहीं लग रहा है, जब कि सालों से उस मकान पर कब्जा किए हंै, लोग सवाल उठा रहे हैं की किसके आदेश पर मकान पर कब्जा किए हुए हैं, पूछने पर बताया जाता है की हम लोग किराया देते हैं, और जलसंसाधन विभाग के ई. द्वारा किराया लिया जाता है, अगर लिया जाता है तो शासन के खाते में पैसा जमा क्यों नहीं किया जाता, इससे लोगों द्वारा अनुमान लगाया जाता है कि, अवैद्य रूप से मकान पर कब्जा करने वालों से ई. द्वारा पैसा वसूला जाता है, और अपने काम में लगाया जाता है, यह कृत्य ई. के लिए शर्मनाक साबित हो रहा है, इस बात पर चर्चा है की जलसंसाधन विभाग के एस.डी.ओ व उपयंत्री की कार्योें से अनुमान लगाया जाता है, की अपने अधिनिस्त अधिकारियों से पैसा लिया जाता है, बैकुण्ठपुर में ऐसे भी अधिकारी हैं जिनका स्थानांरण बैकुण्ठपुर से बाहर कई बार किया जा चुका है, पर स्थानांरण के बाद भी सचिवालय व मंत्रियों को पैसा देकर कोरिया जिले में आ गए, और अपना अंगत का पैर बनाकर रखे हुए हैं, उनका जाँच का विषय है की कोरिया जिले में करोड़ो की जमीन खरीदे हुए हैं, और मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक अरबों के मकान खरीदकर बीवी बच्चों के नाम किया हुआ है, सुत्रों द्वारा बताया जाता है की जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों नेें दो चार किलो सोना खरीदा हुआ है, चर्चा का विषय यह है की, जो छत्तीसगढ जाँच संगठन हैं, वे सब उनके रिश्तेदार बताए जाते हैं, इसलिए वे अधिकारी बेपरवाह होकर अपने अधिनिस्तों को धमकाते रहते हैं, की फलाना व्यक्ति मेरा रिश्तेदार हैं मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता, जाँच का विषय है की ऐसे लोंगों की जाँच करना बहुत जरूरी है।