Home राजनिति स्वर्गीय डाॅ. रामचन्द्र सिंह देव के राजनीति से परित्याग………..

स्वर्गीय डाॅ. रामचन्द्र सिंह देव के राजनीति से परित्याग………..

288
0

पन्द्रह सालों बाद जनता को आई है राजघराने की याद……..
जिला-कोरिया बैकुण्ठपुर में स्वर्गीय डाॅ. रामचन्द्र सिंह देव के राजनीति से परित्याग करने के बाद बैकुण्ठपुर की जनता ने काॅग्रेंस का नहीं राज परिवार का सम्मान रखा, स्वर्गीय डाॅ. रामचन्द्र सिंह देव जी का कहना था की, जब मैं राजनीति में आया तो मेरे पिता जी का सम्मान करते हुए एवं कर्ज चुकाते हुए जनता ने मुझे विजयी दिलाया, वे म.प्र. में और छ.ग. 6 बार मंत्री रह चुके, उन्होने चापलूसी करने वालों को कभी पसंद नहीं किया और वे सभी को साथ लेकर चलते थे, वे इतने महात्मा व कद्दावर नेता थे की उनकी कही बातों को मुख्यमंत्री भी नहीं टालते थे, उन्होने अपना पुरा जीवन सादगी से बिताया उन्होने अपने लिए कभी कुछ नहीं किया जनता के लिए ही अपना पुरा जीवन न्यौछावर कर दिया, वे अपने प्रेसवार्ता में इन बातों का जिक्र किया करते थे की, मैं हर बार बीस हजार से उपर वोटों से जीतता था, लेकिन जब जनता ने मुझको पाँच हजार के लगभग वोटों से जीताया, तब मैं समझ गया की जनता मेरे काम की नहीं लालची हो चुकी है, उन्होने एक बात और कही थी की जब मैं गाँव में चुनाव प्रचार के लिए गया था तब मुझसे एक औरत ने दारू मांगा जिससे मुझे बहुत बुरा लगा और मैने राजनीति छोड़ने का फैसला लिया, और जिनके लिए मैने सर्वस्व न्यौछावर कर दिया उन्होने मुझे इतने कम मतों से विजयी दिलाया और उसी दिन से कोरिया कुमार ने राजनीति छोड़ दिया, अपने जीवनकाल में में उन्हाने विश्वास पात्र मानते हुए वेदान्ती तिवारी को काॅग्रेंस पार्टी से दो बार टिकट दिलाया व स्वयं भी उनका प्रचार किए लेकिन वेदान्ती तिवारी को भईया लाल से दोनों बार पराजय मिली इससे यह साबित होता है की जनता को राज परिवार से ही लगाव है, जब 2018 में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चलने लगी उसी दौरान स्वर्गीय डाॅ. रामचन्द्र सिंह देव का निधन हो गया और पुरा कोरिया जिला शोकाकुल हो गया, कोरिया जिला के बुजुर्ग लोग अपने को असहाय समझने लगे, उसी दौरान कोरिया कुमार की भतीजी अंबिका सिंह देव ने कोरिया में आकर आम जनता का दामन थामने का निश्चय लिया, इसके बाद बैकुण्ठपुर के स्वच्छ छवि ईमादार व्यक्ति के द्वारा मा. राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी को टिकट के लिए पत्र लिखा गया, की अंबिका सिंह को टिकट दिया जाए, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पत्र का सम्मान रखते हुए टिकट दिया और पत्र के जवाब में कहा की मैं कुमार साहब को श्रद्धाजंली अर्पित करने कोरिया जिला जरूर आउंगा, और वे आए और कोरिया जिला के प्रत्याशियों के लिए जनता से अपील भी किए, कोरिया की जनता ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के सभा में भींड़ बढ़ाकर उनका सम्मान किया, उस सम्मान को देखते हुए जनता ने अंबिका सिंह को साहस दिया, अंबिका सिंह के चुनाव प्रचार के दौरान लोगों के द्वारा देखा गया की अंबिका सिंह को पराजित करने के लिए उनके पार्टी के ही लोग जो उनके सगे बने हुए थे और उनके साथ चलते थे रहते थे उन्ही के द्वारा जनता को भ्रमित किया गया की अंबिका सिंह को वोट मत दो क्योंकि वो जीतने के बाद यहाँ नहीं रहेंगी विदेश चले जाएंगी, इसी प्रकार तरह तरह के षड़यंत्र अंबिका सिंह के करीबियों द्वारा रचा गया, और लोगों द्वारा यह भी देखा गया की काॅग्रेंस के द्वारा गाड़ीयों में पेट्रोल डलवाकर अन्य पार्टी का प्रचार करते थे, लेकिन भीतरघातियों द्वारा इतना प्रयास करने के बाद भी अंबिका सिंह विजयी रहीं, इसका मुख्य कारण यह है की अंबिका सिंह कहती हैं की मैं भी अपनें पिता स्वर्गीय महेन्द्र प्रताप सिंह देव की तरह महाऋषि देवराहा बाबा की भक्त हूँ और बाबा हमेशा मेरा साथ देते हैं, और मेरे चुनाव जीतने का श्रेय बाबा को जाता है, और उन्ही का चमत्कार है की मैं आज इस चुनाव में विजयी हुई हूँ, लोगो का कहना है की अंबिका सिंह को अपने स्वर्गीय काका के पद चिन्हो पर चलना होगा, और चापलूसी करने वाले ठेकेदार, दलाल व भीरघतियों से सावधानी बरतनी होगी असावधानी होने पर ऐसे लोग अधिकारियों पर अंबिका सिंह के नाम से अपना प्रभाव जमाने का कोशिश करेंगे, क्योंकि पुर्व में भा.ज.पा के शासन काल में ऐसा हो चुका है, ऐसे लोगों की जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेशाध्यक्ष को दी जा चुकी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here