रायपुर। नाबार्ड ने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए वर्ष 2023-24 के लिए कुल ऋण संभाव्यता रु. 46,057 करोड़ आँकी है. यह पिछले साल की तुलना में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी है. इस बात का खुलासा नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. ज्ञानेन्द्र मणि ने नया रायपुर स्थित संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में किया.
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की ओर से 17 फरवरी को राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन किया था. कार्यक्रम में भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक रेनी अजीत मुख्य अतिथि थे. इस अवसर पर स्टेट फोकस पेपर का अनावरण किया गया.
डॉ. ज्ञानेन्द्र मणि ने बताया कि वर्ष 2023-24 के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के बैंक ऋण के लिए रु. 46,057 करोड़ का अनुमान बताया. उन्होंने साख योजना प्रक्रिया में स्टेट फोकस पेपर के महत्त्व और नाबार्ड द्वारा राज्य में आधारभूत संरचना सुविधा के विकास, संवर्धन और विकासात्मक गतिविधियों के संबंध में शुरू की गई पहलों पर प्रकाश डाला.
रेनी अजीत ने अपने संबोधन में स्टेट फोकस पेपर के माध्यम से सतत् विकास लक्ष्य या ‘2030 एजेंडा’ को प्राप्त करने में नाबार्ड की भूमिका की सराहना की. उन्होंने नाबार्ड द्वारा अनुमानित प्रक्षेपण के अनुसार राज्य में जमीनी स्तर पर ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए सभी बैंकों से अपील की.
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर ने अपने छत्तीसगढ़ में कृषि और ग्रामीण आजीविका विकास के लिए नाबार्ड और राज्य सरकार की योजनाओं और गतिविधियों रेखांकित किया. उन्होंने राज्य मे जन जातीय विकास हेतु कोदो, कुदकी और रागी पर विशेष ध्यान देने पर ज़ोर दिया.
शीतल शाश्वत वर्मा, आईआरएस, निदेशक, वित्तीय संस्था ने बताया की ऋण के साथ साथ उचित समय पर ऋण का मिलना विकास के लिए अति आवश्यक है, इसके अलावा दस आकांक्षी जिलों और एक उत्कर्ष जिले मे ऋण प्रवाह की अपार संभावनाओं को इंकित किया.
इस कार्यक्रम में डॉ. तंबोली अय्याज, आईएएस, विशेष सचिव, धर्मेश कुमार, आईएएस, एम डी, CSWC, छत्तीसगढ़ शासन; डी के उपाध्याय, संयोजक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति; बैजनाथ चंद्राकर, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक, आई के गोहिल, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अन्य अधिकारीगण शामिल हुए