रायपुर। बस्तर में नक्सलियों द्वारा भाजपा नेताओं की हत्या मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार और भूपेश बघेल अपना पल्ला झाड़ने के लिए आज एनआईए जांच की बात कर रहे हैं.
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि एक बार फिर मुख्यमंत्री का दोहरा चरित्र सामने आया है. भाजपा के 4 नेताओं की निर्मम हत्या हो रही है, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है, बल्कि जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा वापस ली जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं ने हमले का संकेत भी प्रशासन को दिया था. यहां तक की वो अपनी जान का खतरा बताकर पत्र लिखते है. इसके बाद भी पुलिस सुरक्षा नहीं दे पाई. अब डीजीपी एनआईए को पत्र लिख रहे हैं.
कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रदेश में कांग्रेस के राज में लूट और फुट दिख रहा है. इसका प्रमाण हर दिन सामने आ रहा है. राहुल गांधी की यात्रा छत्तीसगढ़ नहीं आई, इसलिए यहां अधिवेशन हो रहा है. मुख्यमंत्री अपने आप को एकमात्र नेता साबित करने में लगे हैं. मोहन मरकाम जैसे नेता की फोटो पोस्टर से गायब है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि आदिवासी नेताओं का सम्मान कांग्रेस नहीं कर रही है. मोहन मरकाम का फोटो बाद में चिपकाया गया है. उनकी स्थिति इस बात को इंगित कर रहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ही अस्तित्व है. इस प्रदेश में टीएस सिंहदेव और मोहन मरकाम जैसे नेताओं की इज्जत नहीं है. मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर में बैठने से पहले छोटी-छोटी बातों पर बयानबाजी करते हैं.
प्रधानमंत्री आवास मामले को लेकर रमन सिंह ने कहा 16 लाख आवास छीने गए हैं. ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ी गई है. मकान छीनकर मुख्यमंत्री ने अपराध किया है. जिसे प्रदेश की जनता देख रही है. इस चुनाव में इसका परिणाम भी देखने को मिल जाएगा. चार माह से निराश्रित पेंशन बंद है. सभी संगठन आंदोलन कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ की सड़कें गड्ढे में परिवर्तित हो गयी है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आवास के आंकड़े भारत सरकार से स्वीकृति आती है, उससे मिलता है. हमारे 2- 2 मंत्रियों ने 2011 के जनसंख्या के आधार पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. दिल्ली से पैसे आने के बाद भी उपयोग नही किया गया. आवास की संख्या 16 लाख है. लेकिन उस आंकड़े के जाल में पड़ने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री को साफ कर देना चाहिए कि जनता को आवास मिलेगा या नही! या मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से माफी मांग ले.