सरगुजा से अलग हुये जिला बलरामपुर बना है जो कि 17 जनवरी 2012 को अस्तित्व में आया था। जानकार सुत्र बताते है कि राजनीति से सटे हुये ठेकेदार द्वारा कलेक्टर कार्यालय का निर्माण कार्य किया गया होगा। आज कलेक्टर कार्यालय के जर्जर हालत को देखते हुये ऐसा लगता है कि शासन के पैसे का कितना बंदरबांट हुआ होगा ये कलेक्टर कार्यालय दर्शा रहा है। आज कलेक्टर कार्यालय को बने हुऐ लगभग 5- 6 साल हुआ होगा। जगह-जगह दिवारों में पपडी छोड़ने लगा है। यहा तक की कार्यालय बना उसमें कच्ची ईट का उपयोंग किया गया। कार्यालय के पीछे के तरफ देखा जाये तो दीवार से मिटटी झड़ रहीं है। यहां तक की जो दीवारों पर पलस्तर होना चाहिये वो दिवारों में आज तक पलस्तर तक नही हुआ है कच्ची दिवारों पर खाली पेंन्ट का उपयोंग किया गया है जिस भी ऐंजेन्सी के द्वारा घटीया कार्य कराया गया है इसमें ऐसा लगता है की उस ठेकेदार से लम्बी रकम में समझौता हआ है। अब यह देखना है कि ये बिल्डिग खाली सोपिस बनकर ही रह गई है। जगह-जगह दिवार से मिटटी निकलना चालू हो गया है और जगह-जगह टाईल्स भी टूट रहे है। निरिक्षण करनें पर ऐसा लगता है कि शासन व प्रशासन को कलेक्टर कार्यालय को मरम्त हेतु फिर से ठेका किसी ऐजेन्सी को देना होगा। शासन द्वारा रोड हो या मकान ठेकेदार का 5 साल की गारण्टी होती ही है। बलरामपुर कलेक्टर को अपनी बिल्डिग ठेेकेदार का समय सीमा देखते हुये उस ठेकेदार को नोटिस देकर गारंटी पीरेड पर अपनी बिल्डिग का मरम्त कराना चाहिये।