रायपुर :- आयुर्वेदिक के नाम पर एलोपैथिक दवाइयां बेचने वालों पर खादय एवं औषधि विभाग की टीम ने कार्रवाई की है. टीम ने चार स्थानों पर दबिश देकर बड़ी मात्रा में दवाइयां जब्त की है, जिसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपए बताई जा रही है. जब्त दवाइयों की जांच कालीबाड़ी स्थित शासकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में कराई गई, जहां दवाइयों में डिक्लोफेनिक एवं असक्लोफेनिक की मात्रा पाई गई है.
टीम ने सूर्यकांत बघेल फार्म बजरंग आयुर्वेदिक एजेंसी भारत माता चौक, गीतांजलि नगर, शंकर नगर रायपुर, मेसर्स शारदा मेडिकल स्टोर्स सिमगा, गिरधारी देवांगन दुकान और घर दोनों स्थानों पर कार्रवाई की है. इसके अलावा याशिका ट्रेडिंग वेयरहाउस सूर्या प्लास्टिक के पास ओमिया मार्केट बिरगांव, वाईटीएम शंकर नगर याशिका ट्रेडिंग एंड मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के यहां भी बड़ी मात्रा में दवाइयां जब्त की गई है. ये चारों जगह की दवाएं वेबसाइट के माध्यम से बेची जाती थीं. प्रत्येक दवाओं को मल्टी लेवल मार्केटिंग के माध्यम से ज्यादा लाभ देने के लालच से बेची जाती थी. ये कंपनियां 90 दिनों में बालों का उगना, कैंसर, जोड़ों का दर्द एक माह में दूर करने का दावा करते हुए बिजनेस कर रही थी.
उज्जैन में निर्माण दिखकर रायपुर में अवैध तरीके से एलोपैथिक दवाइयों का निर्माण और नियम विरुद्ध पैकिंग किया जा रहा था. इस पूरे प्रकरण में चारों टीम के सदस्यों में 11 औषिधि निरीक्षक सहित 18-19 अधिकारी सम्मलित थे. मुख्य रूप से नीरज साहू, सुरेश साहू, टेकचंद, परमानंद, लक्ष्मी कौशिक, श्रुति, ओमप्रकाश समेत बलौदाबाजार और दुर्ग जिले के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी शामिल थे.
आम जनता एलोपैथिक दवाओं से परहेज करते हुए आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराना चाहती है किंतु ऐसे लोग उनके भावनाओं और स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए एलोपैथिक दवाएं मिलाकर जल्दी लाभ के लिए व्यापार कर रहे. इन एलोपैथिक दवाओं से लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत गंभीर प्रति कुल असर पड़ती है. आम जनता से प्रशासन ने अपील की है कि जांच परखकर डॉक्टर के सलाह से ही दवाओं का सेवन करें और अपने आसपास इस प्रकार के दवाओं के व्यापार की जानकारी प्रशासन को दें.