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धान खरीदी केन्द्रों में करोड़ो का घोटाला धान चोरो को मिला संरक्षण पुलिस आई दहशत में……..

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बैकुण्ठपुर :- मुख्यालय के समीप ग्राम पंचायत गिरजापुर में धान खरीदी केन्द्र में किया जा रहा करोंड़ो का घोटाला वशिष्ठ टाइम्स समाचार के द्वारा पूर्व में भी ग्राम पंचायत सलका के धान खरीदी केन्द्र में घोटाला किया गया था। आपरेटर को बचाने के लिये प्रबंधक को जेल भेजा गया था। सूत्र बताते है कि पूर्व में आपरेटर बाईक चोरी में अनुपपुर जेल में रहा ये व्यक्ति हेरा-फेरी में माहिर है। ऐसे ही गिरजापुर धान खरीदी केन्द्र में एक बार नहीं कई बार पैसे के लेने देन में व कभी टोकन काटने में भी हेरा-फेरी का मामला सामनें आता रहा है। अभी-अभी करोंड़ो का मामला सामने आया है। जिसमें हजारों बरदानों का धान खरीदी कर्मचारियों के यहां बरामद किया गया जिसकी पुष्टि तहसीलदार श्री मनहरन राठिया जी के द्वारा किया गया जिसमें और नयें बारदानें भी बरामद किये गये। जिसमें 30.12.2022 को पुलिस के द्वारा अपराधियों को पुछताछ के लिये पुलिस थाना लाया गया। उसमें सबसे बड़ा शातिर बदमाश आपरेटर को बताया जा रहा है। क्योंकि आपरेटर के भाई की आये दिन बैकुण्ठपुर में लिखित शिकायत कलेक्टर और एसपी को की गई जिसमें घटिया किस्म के पत्थर को लगाकर ऊचे किस्म का पत्थर का बिल बनाकर आदिवासी विभाग का उपयंत्री से हस्ताक्षर कराया जा रहा था।

अधिकारी के मना करने पर उस अधिकारी को भट्टीपारा बैकुण्ठपुर में मारा पीटा व अपहरण कर लिया गया। इसी प्रकार बैकुण्ठपुर के पूर्व कलेक्टर के स्थानातरण पर भी घड़ी चैक में पटाखा फोड़ा गया उसके भाई के ऊपर ऐसे बहुत से मामले है। इसी दौरान अपनें छोटे भाई को बचानें के लिये समिति में प्रबंधक सहित और लोगो को बचानें के लिये बैकुण्ठपुर के आस-पास के उसी विचारधारा के धान खरीदी केन्द्र के प्रबंधक शराब पीकर थानें पहुॅचें। थानें में जाकर हड़कंप मचाया उसके पश्चात् वहीं लोग गिरजापुर धान खरीदी केन्द्र में भी पहुॅचे जहां एसड़ीएम व तहसीलदार के समक्ष मिड़िया के सामनें भी अभद्र व्यवहार किया गया। तहसीलदार वहां का खराब माहौल देखनें के पश्चात् उन्होंने पुलिस प्रशासन का सहयोंग लिया। देखा जाये तो 28 तारीख को बारदाना जप्त किया गया और 29 तारीख को राईस मिलर कुछ बारदानों को अपना बता रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि फर्जीवाड़ा में मिलरों के भी तार जुड़े हुये हैं। यहां तक भी बताया जा रहा है कि 500रू प्रति क्विंटल मिलर प्रबंधको को देता है। 40 किलो 800 ग्राम शासन का तौल है जिसमें धान खरीदी केन्द्र वालों के द्वारा 41 किलो 500 ग्राम से 41 किलो 600 ग्राम तक लिया गया है। पुलिस इतनी दहशत में है कि अपराध को पंजीकृत नहीं कर सकी। यहां तक की लोगों के द्वारा सुना गया है कि धान खरीदी के प्रबंधकों द्वारा जनप्रतिनिधि को भी अपशब्दों का उपयोंग किया गया।

अपराधियों के बचाव में इतने गलत लोग सहयोंग के लिये गये थे कि पुलिस प्रशासन दहशत में होकर केस को पंजीकृत नहीं कर सकी। और अपराधियों को छोड़ दिया गया। अब देखना ये है कि पैसे के बल पर या पहुॅच पर अपराधियों को कब तक और किस तरह संरक्षण मिलता रहेगा। गरीब या ईमानदार व्यक्ति को पुलिस सताती है और उनके साथ चलनें या ऊठनें- बैठनें में संकोच करती है। परन्तु ऐसे घोटला करनें वाले प्रबंधको के खिलाफ कार्यवाही करनें में संकोच कर रही है। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ शासन को जांच हेतु आदेश जारी कराना चाहियें।एवं सख्त से सख्त कार्यवाही कराया जाना चाहियें।

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