रायपुर:- 74वें गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री की घोषणा का इंतजार कर रहे संविदा कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है. 4 वर्षों से नियमितीकरण की आस लगाए संविदा कर्मियों ने कहा कि मेरा वोट उसको मेरा वोट उसको जो नियमित करें मुझको.
संविदा कर्मियों का कहना है कि वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक छत्तीसगढ़ सरकार एवं प्रशासन के द्वारा कमेटिया बहुत सारी बनाई गई हैं, लेकिन उनकी नियमितीकरण की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं किया गया, जिससे वे अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर विगत दिनों अनिश्चितकालीन आंदोलन किया गया था, जिसमें विभिन्न मंत्रियों के बयान आए थे. इससे संविदा कर्मचारियों में आस जगी थी कि मुख्यमंत्री 26 जनवरी को नियमितीकरण की घोषणा करेंगे, इसके बाद बजट सत्र में नियमितीकरण के लिए बजट पेश किया जाएगा. लेकिन लगातार आंदोलनों के बाद भी संविदा कर्मचारियों को मायूसी हाथ लगी है.
बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे संविदा कर्मचारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के 36 वादे कांग्रेस सरकार पूरा नहीं कर पर पा रही है. ऐसे में आठ माह बाद होने वाले चुनाव में घोषणा पत्र पर कोई भरोसा या विश्वास नहीं करेगा.