भारत वर्ष में वेबसाइट नाम का व्यापार
वेबसाइट पूर्व से समाचार पत्र के लिए लागू हुआ था, पर नयी पीढ़ी के लोग वेबसाइट को व्यापार की तरह इस्तमाल कर रहे हैं, और आई.एस, आई.पी.एस आॅफिसरों एवं अधिकारियों को डराने का एक अच्छा व्यापार बनाया है, जैसे भारत सरकार ने सुचना का अधिकार बनाया, जो की पारदर्शिता के लिए है, पर आज कल के नयी पीढ़ी के लोगों द्वारा सुचना के अधिकार को भी व्यापार मे सम्मिलित कर लिया गया है, लोगों द्वारा सभी आॅफिसों मे सुचना का अधिकार का दुर्पयोग किया जा रहा है, जबकी गाईड लाईन में लिखा है की, जानकारी मांगने वाला किस बावत् जानकारी मांग रहा है, पर ऐसी कोई प्रक्रिया देखने को नहीं मिलता, और नहीं जानकारी दी जाती की किस बावत् जानकारी लिया जा रहा है, कुछ व्यक्ति ऐसे भी हैं, जिनके द्वारा दसो बार सुचना का अधिकार मांगा गया, जबकी सुचना न मिलने पर तीस दिन के बाद अपिल करना चाहीए, लेकिन अपिल नहीं करते, इससे साबित होता है की पैसा वसुलने के लिए यह कार्य करते हैं, और अपने को आर.टी.आई. का कार्यकर्ता कहते हैं, लेकिन हमारे समझ से परे है की, सरकार द्वारा ऐसा कोई नियुक्ति दिया जाता है, या स्वयं बन जाते हैं, पर यहाँ देखने को मिलता है की भारत वर्ष में ऐसा कोई आॅफिस नहीं बचा होगा, जिससे जानकारी न मांगी गई होगी,