नरसिंहपुर: मतदाताओं को जल्द ही रिमोट वोटिंग मशीन (RVM) से मतदान करने की सुविधा मिलेगी। हालांकि यह सुविधा उन मतदाताओं को मिलेगी जो शिक्षा, रोजगार या किसी अन्य कारणवश किसी दूसरी जगह पर चले गए हैं और मतदान के लिए अपने मूल निवास के मतदान केंद्र पर नहीं पहुँच पाते। भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसे मतदाताओं को रिमोट वोटिंग मशीन से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तैयारी प्रारंभ कर दी है।
भारत निर्वाचन आयोग का मुख्य उद्देश्य है कि कोई भी मतदाता मतदान करने से वंचित न हो। चाहे वह देश के किसी भी राज्य, शहर या जिले में रह रहा हो और वह अपने क्षेत्र में मतदान करने न पहुँच पा रहा हो, तो ऐसे मतदाताओं को मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से RVM से मतदान की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश श्री अनुपम राजन ने बताया कि शिक्षा, रोजगार सहित किसी अन्य कारण से मतदाता किसी दूसरे राज्य में चला जाता है और मतदान के दिन वह अपने क्षेत्र में नहीं पहुँच पाता, तो उसे रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से मतदान करने की सुविधा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी।
रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की सबसे बड़ी खासियत है कि यह ईवीएम का एडवांस वर्जन है। यह उतना ही सुरक्षित है, जितनी कि ईवीएम। यह एक नॉन नेटवर्किंग सिस्टम है।एक रिमोट इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में 72 विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों की सूची रहेगी। इसमें अलग-अलग विधानसभाओं के मतदाता एक ही आरवीएम मशीन से मतदान कर सकेंगे। मतदान करने पहुँचे मतदाताओं को अपने बूथ क्रमांक और विधानसभा क्षेत्र का नाम बताना होगा।
देश के किसी राज्य में निवासरत मतदाता को रिमोट वोटिंग मशीन से मतदान करने के लिए पहले अपने गृह क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को आवेदन करना होगा। यह आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन किया जा सकेगा। आवेदन प्राप्ति के बाद गृह क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा मतदाता का सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद ही उसे रिमोट वोटिंग मशीन से मतदान करने की सुविधा दी जाएगी।
राजनैतिक दलों के सामने रिमोट वोटिंग मशीन (आरवीएम) की कार्य-प्रणाली का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने देश के सभी 8 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को 16 जनवरी को 2023 को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आमंत्रित किया है। रिमोर्ट इवीएम कार्य-प्रणाली की जानकारी देने के दौरान आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे।आयोग ने विधिक एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं में परिवर्तन, घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए मतदान की पद्धति, आरवीएम प्रौद्योगिकी सहित संबंधित विभिन्न मामलों पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से सुझाव भी मांगे हैं। राजनीतिक दल अपने सुझाव 31 जनवरी 2023 तक दे सकेंगे।