अम्बिकापुर के क्षेत्र सीतापुर एवं मेनपाठ डिप्टी रेन्जरों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में जंगल को कटाई से नही रोक पा रहे हैं। क्योंकि ये अपने-अपने क्षेत्र में नही रह रहे है। दरयल इनका डेरा अम्बिकापुर है, तथा जानकार सूत्रो के मुताबिक इनके द्वारा चौकीदार पद पर रहकर पूरा लिखापढ़ी का कार्य पूरा देखते है बस नाम के चौकीदार है, जब कोई वयक्ति डीप्टी रेन्जर के बारे में पुछता है तो चौकीदारों के द्वारा कहा जाता है कि साहब फील्ड पर गये हुए है। जब देखा जाता है तो वह अम्बिकापुर में नजर आते है,
वनविभाग में चौकीदार के पद पर नियुक्त किये जाते है पर उन चौकीदारों से अपने घर के बरतन व झाडू-पोछा व कपड़े धोने का कार्य करवाया जाता है। शासन से पैसा मिलता है पर डीप्टी रेन्जर अपनी शान-शौकत की कार्य भी कराये जाते है। सोचने वाली बात है एक चौकीदार भी सम्मानीत होता है, पर डीप्टी रेन्जर अपने जूते पर पॉलिस तक करा लेता है। और उनको जंगल से कोई मतलब नही होता है, ऐसा लगता है कि पूरे जंगल को साफ कराने का इरादा है। इसका जिता-जागता प्रमाण सीतापुर और मेनपाठ का जंगल देखने को मिल सकता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार डीप्टी रेन्जर फर्जी बील बनवाने में माहिर है, इनकी जब से रेन्जरी सम्भाले है तब से कुछ लोगो को ऐसे पैसा बाटते है जैसे शादी-ब्याह में भेंट दे रहें है।