बहुचर्चित कोयला घोटाले की जांच को लेकर यहां बंद कमरे में सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारिक से पूछताछ की। अवधेश बारिक इसके पहले रायगढ़ में पदस्थ थे।
बलरामपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच की आंच बलरामपुर जिले तक पहुंच गई है।बहुचर्चित कोयला घोटाले की जांच को लेकर ईडी की तीन सदस्यीय टीम ने सोमवार को बलरामपुर के संयुक्त जिला कार्यालय के खनिज शाखा में दबिश दी।यहां बंद कमरे में सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारिक से पूछताछ की। बारिक इसके पहले रायगढ़ में पदस्थ थे।रायगढ़ में पहले भी ईडी की टीम ने जांच की थी।
पूछताछ के दौरान जिला खनिज अधिकारी अवधेश बारिक के साथ अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। कार्यालय में पहुंचने के बाद से ही सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारिक से लगातार पूछताछ कर रहे हैं। ईडी की पूछताछ अत्यंत गोपनीय तरीके से हो रही है।समाचार लिखे जाने तक ईडी के तीन अधिकारियों के द्वारा पूछताछ जारी थी। अभी तक आधिकारिक तौर से कुछ भी बात सामने नहीं आ पाई है।
अवधेश बारिक के कई ठिकानों समेत रायगढ़ खनिज विभाग के दफ्तर में छापामार कार्रवाई करते हुए सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारिक को नोटिस जारी किया था। इसके बाद अवधेश बारिक का स्थानांतरण बलरामपुर हो गया था। कुछ दिन पहले ही बारिक बलरामपुर में पदस्थ हुए हैं।जिला संयुक्त कार्यालय (कलेक्टोरेट) में जैसे ही कर्मचारियों को ईडी की कार्रवाई की भनक लगी वैसे ही सन्नााटा पसर गया। ईडी के अधिकारियों ने खनिज कार्यालय के आसपास दूसरे अधिकारी-कर्मचारियों के प्रवेश पर रोक लगा दिया था।
कार्यालय का दरवाजा बंद कर अधिकारी से पूछताछ की जा रही थी।बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने 11 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में कोयले से अवैध वसूली को लेकर एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी की थी। 14 अक्टूबर को वसूली रैकेट का राजफाश करते हुए ईडी ने बताया था कि जांच में राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली की जा रही है। इस घोटाले में मुख्य सरगना सूर्यकांत तिवारी को बताया गया था। ईडी ने आइएएस समीर विश्नोई के मकान से नकदी,जेवरात बरामद किए थे।