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बिलासपुर: सहकारी बैंक ने प्रमाणित बीज खरीदने के बाद, बीज निगम को 50 लाख का भुगतान आज तक नहीं किया, वित्तीय साल में बीज के भुगतान का समायोजन ऑडिट में कर लिया है। उसके बावजूद संबंधित समितियों ने यह पैसा बीज विकास निगम को नहीं भेजा है।

बिलासपुर: सहकारी बैंक ने प्रमाणित बीज खरीदने के बाद, बीज निगम को 50 लाख का भुगतान आज तक नहीं किया, वित्तीय साल में बीज के भुगतान का समायोजन ऑडिट में कर लिया है। उसके बावजूद संबंधित समितियों ने यह पैसा बीज विकास निगम को नहीं भेजा है।

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बिलासपुर। किसानों को वितरण करने के लिए बीज निगम से 50 लाख रुपये की बीज खरीदा , लेकिन अभी तक पैसे का भुगतान नहीं किया जा सका है। मस्तूरी, पेंड्रा, मरवाही समेत अन्य ब्रांचों ने साल 2020-21 में सरकारी दरों पर किसानों को देने धान, गेहूं, अरहर जैसी बीज खरीदी तो है, लेकिन बीज निगम को इन पैसों का भुगतान आज तक नहीं हो पाया है।

इन पैसों के भुगतान पर बैंक की समितियों ने ऑडिट में समायोजन भी दिखा दिया है, लेकिन पैसे अभी तक नहीं भेजे गए हैं। इसलिए ही यह पैसे अभी कहां है। इसकी जानकारी किसी को नहीं है। बीज विकास निगम के अधिकारी राजेश जैन ने सबसे पहले मस्तूरी ब्रांच को इसके संदर्भ में चिट्ठी भेजी है। उन्होंने लिखा है कि खरीफ, रबी 2020-21 से 2021-22 तक आगामी वित्तीय साल में बीज के भुगतान का समायोजन ऑडिट में कर लिया है। उसके बावजूद संबंधित समितियों ने यह पैसा बीज विकास निगम को नहीं भेजा है।

जिसके कारण सिर्फ मस्तूरी से 15 लाख रुपये का बकाया दिख रहा है। इन पैसों के लिए भुगतान के लिए मस्तूरी ब्रांच के अधिकारियों ने उनकी चर्चा भी हुई, पर उन्होंने मामले में ध्यान नहीं दिया। बताया गया है कि इसके कारण ही उन किसानों का पैसा भी रुका हुआ है, जिनसे बीज विकास निगम ने प्रमाणित बीज की खरीदी की है। इसके अलावा अब इस मामले में दूसरी समस्याएं आनी शुरू हो गई है। इसके अलावा पेंड्रा, गौरेला, मरवाही सहित अन्य ब्रांच को भी इसी तरह की कॉपी आगे बढ़ाई गई है।

समितियों को अलग बीज का दर तय

प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाए हैं। उसके लिए अलग-अलग दर भी तय है। धान के प्रमाणित बीज का प्रति क्विंटल 2300, गेहूं 3400 रुपए और अरहर का प्रति क्विंटल सात हजार रुपये में बेचा गया है। इस बीज को किसानों तक पहुंचाने बीज विकास निगम ने ब्रांचों को चार प्रतिशत कमीशन राशि की छूट भी दी है। इन सुविधाओं के बावजूद ब्रांच के पदाधिकारी बीज विकास निगम को पैसे नहीं दे रहे हैं।

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