बिलासपुर । खेल परिसर सरकंडा अन्य खेल मैदानों की तरह अव्यवस्था और बदहाली का शिकार हो चुका है। न्यायधानी का सबसे खराब मैदान में नाम लिया जाता है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। खेल विभाग, नगर निगम, जिला प्रशासन और शहर के खेल संगठनों को भी इस दुर्दशा पर दया नहीं आती। अधिकारी एसी कमरों में बेसुध हैं। मैदान अब खेत बन चुका है। जिम, बैडमिंटन कोर्ट में अंधेरा छा गया है।
अरपा पार सरकंडा के सबसे प्राइम लोकेशन पर स्थित खेल परिसर को सबसे सर्वश्रेष्ठ मैदान बनाया जा सकता था। इसके लिए खेल विभाग ने प्रयास भी किया लेकिन वैसा नहीं जैसा करना था। अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच ऐसा सेटिंग हुआ कि न अब यह खेलने लायक बचा है और न कोई बड़ा आयोजन हो सकता है। स्कूल शिक्षा विभाग भी अब बच्चों को यहां लाने के लिए सौ बार सोचेंगे। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि यह मैदान अब सिर्फ मवेशियों के चरने के लिए बचा है। सरकंडा के रहवासी यहां सुबह पैदल भी नहीं चल सकते। कंकड़, पत्थर, कांच के इतने टुकड़े मिलेंगे कि दुर्घटना तय है। इसे संवारने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहा है।
जिम, बैडमिंटन कोर्ट में गंदगी, मशीनें खराब
जिम व बैडमिंटन कोर्ट में इतनी गंदगी है कि कोई भी वहां प्रवेश नहीं करना चाहेगा। जिम की हालत दयनीय है। सुरक्षा के नाम पर दिखावा है। गिनती के इक्का दुक्का सामान बचे हैं। यहां के लोगों की मानें तो यहां कागजों में सामान आया था। बड़े पैमाने पर भष्ट्राचार हुआ है। खेल विभाग के अधिकारियों और निगम के ठेकेदारों के साथ ऐसी सेटिंग चली कि किसी ने गंभीरता पूर्वक काम नहीं किया।
नशेड़ी व असामाजिक तत्वों का डेरा
खेल परिसर में सुरक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। स्टेडियम जर्जर होने लगा है। रंगाई-पुताई तो दूर, आसपास कचरा साफ करने वाला कोई नहीं है। नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का हब बन गया है। यहां दिनभर इधर-उधर से आकर लोग बैठे रहते हैं। यही कारण है कि अब यहां महिलाएं आने से कतराने लगी हैं। स्टेडियम के पास बड़े पैमाने पर सिगरेट, गुटखा, शराब की बोतलें इधर- उधर पड़ी रहती है।
ये हैं प्रमुख जिम्मेदार
खेल परिसर सरकंडा की खराब स्थिति के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सहायक संचालक ए एक्का प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। जिन पर इस मैदान को संवारने से लेकर सुविधा, संसाधन और अधोसंरचना विकसित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। मैदान की दुर्दशा पर किसी से बात तक नहीं करना चाहते। वहीं नगर निगम व जिला प्रशासन को भी इस ओर ध्यान देने का समय नहीं है। इसके कारण इस मैदान की दुर्गति हो चुकी है।
ऐसे संवरेगा मैदान
खेल मैदान को संवारने नए सिरे से रणनीति बनाने की जरूरत है। नगर निगम के ऐसे ठेकेदार जो यहां पूर्व में काम कर चुके हैं उन्हें सीधे बाहर का रास्ता दिखाकर नए सिरे से काम शुरू करने होंगे। खेल विभाग को तत्काल इस पर गंभीरता से मंथन करने की आवश्यकता है। अन्यथा यह मैदान सबसे पहले विलुप्त हो जाएगा। जिला प्रशासन का भी हस्तक्षेप जरूरी है। खेल मैदानों को बर्बाद करने वालों पर अपराध दर्ज होना चाहिए।
मिट्टी और गिट्टी की परत
खेल परिसर और राजा रघुराज सिंह स्टेडियम ही अब शहर में खेल के लिए मैदान बचा है। राजा रघुराज सिंह मैदान क्रिकेट के लिए सुरक्षित है। जबकि अन्य किसी के पास ऐसा मैदान नहीं है। जिला खेल परिसर मैदान में मिट्टी व गिट्टी होने के कारण खिलाड़ियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पानी निकासी, साफ सफाई, पर्याप्त बिजली व्यवस्था, मैदान का समतलीकरण तक नहीं हुआ है।