वन्य प्राणियों के शिकार के लिए बिछाया गया था बिजली तरंगित तार दो भालुओं की मौत की सूचना पर वनमण्डलाधिकारी बलरामपुर विवेकानंद झा भी अन्य अधिकारियों के साथ वाड्रफनगर पहुंचे। पशु चिकित्सा अधिकारी वाड्रफनगर द्वारा दोनों मृत भालुओं का शव परीक्षण किया गया।
अंबिकापुर । वन्य प्राणियों के शिकार के लिए जंगल में बिछाए गए तरंगित तार के संपर्क में आने से दो भालू की मौत हो गई।घटना बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र के मेंढना जंगल की है।भालुओं को मारने के आरोप पर वन विभाग की टीम ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। वन विभाग की टीम ने जंगल से तार,खूंटा सहित अन्य सामान बरामद किया है।जंगल में हुई घटना के बाद स्पष्ट हुआ है कि जंगली सूअर, चीतल जैसे वन्य प्राणियों के शिकार के लिए ही तरंगित तार का घेरा लगाया गया था।
जानकारी के अनुसार वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र के मेंढना बीट अंतर्गत ग्राम गुरमुटी से लगे जंगल में पिछले कुछ दिनों से वन्य प्राणियों का शिकार करने के लिए जीआई तार का घेरा लगाकर करंट प्रवाहित करने की शिकायत मिल रही थी।शिकायत के आधार पर वन विभाग की टीम जंगल में भ्रमण पर थी,उसी दौरान गुरमुटी के कारीमाटी नामक स्थल पर दो भालुओं का शव पड़ा हुआ था।एक नर और दूसरा मादा भालू था। बताया जा रहा है कि घटनास्थल के नजदीक ही तीन लोग भी थे।
उन्हें पकड़ा गया।घटनास्थल पर बिजली तार का फंदा,पाईप, लकड़ी के खूंटे भी मिले।तीनों को पकड़ लिया गया है। रेंजर प्रेमचंद मिश्रा ने बताया कि घटनास्थल के आसपास खेती भी नहीं है कि फसलों की सुरक्षा के लिए तरंगित तार का घेरा लगाया गया हो।जंगल में ही बिजली तार का घेरा लगाया गया था इससे स्पष्ट है कि सुनियोजित तरीके से वन्य प्राणियों के शिकार के लिए ही बिजली तरंगित तार बिछाया गया था।बताया गया कि जंगल के निश्चित क्षेत्र में लकड़ी का खूंटा लगाया गया था।इन खूंटों को जीआई तार और लोहे के पतले तार से जोड़ दिया गया था।
जंगल से होकर गुजरी हाईटेंशन बिजली तार से हूकिंग कर तार को लकड़ी के खूंटों से बंधी लोहे की तार से जोड़कर करंट प्रवाहित कर दिया जाता है।करंट प्रवाहित तार के संपर्क में आने से वन्य प्राणियों की मौत हो जाती है।इसके पहले भी सरगुजा संभाग में बिजली करंट प्रवाहित तार का घेरा लगाकर वन्य प्राणियों को मारा जा चुका है।यहां तक कि फसल सुरक्षा को लेकर बिजली तरंगित तार बिछाने से उसके संपर्क में आने से हाथियों की भी मौत हो चुकी है।
दो भालुओं की मौत की सूचना पर वनमण्डलाधिकारी बलरामपुर विवेकानंद झा भी अन्य अधिकारियों के साथ वाड्रफनगर पहुंचे। पशु चिकित्सा अधिकारी वाड्रफनगर द्वारा दोनों मृत भालुओं का शव परीक्षण किया गया। शव परीक्षण के दौरान दोनों मृत भालुओं के सभी अंग सुरक्षित पाए गए है । शव परीक्षण में प्रथम दृष्टया बिजली करंट से दोनों भालू का मृत होना पाया गया। जिसके बाद वाड्रफनगर खरहरा स्थाई रोपणी में दोनों भालुओं के शव को नियमानुसार जला दिया गया।