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बिलासपुर में दो साल बाद रावण दहन का दिखा उत्साह, बुराई का अंत देखने उमड़े शहरवासी

बिलासपुर में दो साल बाद रावण दहन का दिखा उत्साह, बुराई का अंत देखने उमड़े शहरवासी

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विजयादशमी पर बुधवार की शाम शहर में जगह-जगह रावण दहन किया गया। कोरोना की वजह से प्रतिबंध नहीं होने के कारण दो साल बाद इस कार्यक्रमों में उत्साह दिखाई दिया। लोग परिवार के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत देखने पहुंचे।

बिलासपुर। कोरोना की वजह से प्रतिबंध नहीं होने के कारण दो साल बाद इस कार्यक्रमों में उत्साह दिखाई दिया। शहर प्रमुख रावण दहन कार्यक्रम पुलिस ग्राउंड और नार्थ ईस्ट इंस्टीट्यूटी मैदान में लोग बड़ी संख्या पहुंचे। इसकी वजह से कार्यक्रम होने के बाद यातायात सामान्य होने में डेढ़ से दो घंटे लग गए।

रेलवे नार्थ ईस्ट इंस्ट्टीयूट फुटबाल मैदान दशहरा उत्सव में गजब का उत्साह देखने को मिला। कोरोना संक्रमण के कारण दो साल लोग इसका हिस्सा नहीं बन पाए थे। पर बुधवार को हर कोई कार्यक्रम में शामिल हुआ। शाम पांच बजे से यहां लोगों का आना शुरू हो गया था। यहां 65 फीट रावण का दहन किया गया। इससे पहले आयोजन समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में श्रीराम व रावण युद्ध जीवंत प्रस्तुति दी गई।

हिंदुस्तान सेवा समाज का यह 72वां था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक शैलेष पांडेय, प्रमुख अतिथि सांसद अरुण साव व कार्यक्रम की अध्यक्षता डीआरएम आलोक सहाय ने की। अन्य अतिथियों में महापौर रामशरण यादव सभापति शेख नजरूद्दीन, पार्षद एस साई भास्कर, लद्यु उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया समेत अन्य अतिथि उपस्थित थे। अतिथियों ने अपने उद्बोधन में पर्व के महत्व व यह बताया की अंहकार का अंत होता ही है। रावण अंहकारी था, जिसका श्रीराम के हाथों वध हुआ। कार्यक्रम तय समय से थोड़ा विलंब शुरू हुआ।

दशहरा उत्सव कार्यक्रम की सबसे खास बात लोगों की भीड़ थी। शहर के सबसे बड़े मैदान की स्थिति यह थी कि यहां पैर तक रखने की जगह नहीं थी। जितने संख्या में लोग मैदान के अंदर खड़े थे, उतने ही बाहर थे। जिन्हें भीड़ की वजह से अंदर जाने का अवसर नहीं मिल सका। अतिथियों के उद्बोधन के बाद रावण दहन कार्यक्रम हुआ। देखते ही देखते 65 फीट रावण का पुतला जलकर खाक हो गया। बच्चों के बीच आयोजन समिति के द्वारा आयोजित आतिशबाजी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। करीब एक घंटे तक आतिशबाजी हुई। इसे देखने के लिए लोग रावण दहन के बाद भी मैदान में डटे रहे।

इस बार आयोजन स्थल में जाम न लगे, इसलिए पुलिस प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था की जमकर प्रशंसा हुई। बाइक व कार दोनों को आयोजन स्थल से दूर रोकने के लिए चार जगहों पर बेरिकेडिंग की गई थी। रेलवे स्टेशन पास, तितली चौक, हेमू नगर व तोरवा थाने के बाद वाहनों के लिए रास्ता बंद कर देने से लोगों को अन्य सालों की अपेक्षा कम परेशानी हुई।

मैदान के बाहर मेला सा माहौल

मैदान के बाहर इस बार सड़क के दोनों तरफ बच्चों के खिलौने से लेकर खाने- पीने की चीजों की दुकानें सजी हुई थी। लोगों दशहर उत्सव कार्यक्रम के बाद जमकर खरीददारी भी की। खासकर बच्चों को यहां लगे खिलौने की दुकानों में देखा गया। अभिभावकों ने बच्चों को निराश नहीं किया। दरअसल दो साल से कोरोना के कारण दशहरा के दिन भी यहां का माहौल शांत रहता था। हिंदुस्तानी सेवा समाज द्वारा केवल समिति के पदाधिकारियों की उपस्थित में कार्यक्रम आयोजित कर लिया जाता था।

अचानक पहुंचे महाप्रबंधक, कर्मचारी दिखे उत्साहित

रेलवे फुटबाल मैदान में आयोजित दशहरा उत्सव को देखने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कुमार पत्नी के साथ पहुंचे। उनके आगमन से आयोजन समिति बेहद उत्साहित नजर आया। कर्मचारियों को यह बात अच्छी लगी की रेल प्रशासन की ओर से पूरा सहयोग मिल रहा है।

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