जंगली हाथियों के चलते अब नेशनल हाईवे 130 सी के मैनपुर देवभोग मार्ग पर दुपहिया और चार पहिया वाहनों से आवाजाही करने वाले संभल कर चलने को विवश है। इस सड़क मार्ग पर जंगली हाथी राहगीर के सामने आ जा रहे हैं।
गरियाबंद । जंगली हाथियों के चलते अब नेशनल हाईवे 130 सी के मैनपुर देवभोग मार्ग पर दुपहिया और चार पहिया वाहनों से आवाजाही करने वाले संभल कर चलने को विवश है। इस सड़क मार्ग पर कभी जंगली हाथी राहगीर के सामने आ जाते हैं। संभल कर चलने की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि रास्ते में अनेक मोड़ हैं। अचानक हाथियों का दल सड़क पर आ जाता है।
बीते 40 घंटे में आठ से दस बार ऐसी घटना हो चुकी है। दरअसल लगातार जंगली हाथी नेशनल हाइवे पार कर इधर से उधर हो रहे हैं। इसके चलते हर बार घंटेभर से ज्यादा समय तक नेशनल हाइवे पर आवाजाही भी बंद रखना पड़ा है। वहीं राहगीरों में भी भय व्याप्त है। इसके अलावा ग्रामीण बैंक भयभीत है।
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में डेरा
मालूम हो कि पिछले एक महीने से जंगली हाथी नेशनल हाईवे के किनारे उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के तौरेंगा परिक्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। दल में करीब 32 से 33 जंगली हाथी हैं। कुछ दिन पूर्व परिक्षेत्र के कोदोमाली गांव में जनमाल की हानि हाथी पहुंचा चुके हैं। इसके बाद हाथी का दल नेशनल हाईवे तक पहुंच गया है।
शनिवार शाम पांच बजे जंगली हाथी के दल ने राजापड़ाव के पास नेशनल हाईवे को पार किया और ग्राम अड़गड़ी के जंगल में घुस गए। इसके बाद रविवार सुबह छह बजे फिर जंगली हाथी का दल नेशनल हाईवे को पार कर कोदोमाली तौरेगा के जंगल में पहुंच गया। यही गतिविधि सोमवार को भी दिनभर चलता रहा। सोमवार को भी तीन से चार बार हाथियों के दल ने नेशनल हाइवे को पार किया। फिलहाल सोमवार रात को हाथी का दल तौरेंगा परिक्षेत्र के गोना गांव के जंगल में विचरण कर रहा है।
हाथियों को भा रहा है क्षेत्र
बताया जाता है कि तौरंगा परिक्षेत्र का कोदोमाली हाथियों को पेयजल और ठहरने के लिए भा गया है। वहीं अड़गड़ी का जंगल उनके चरने और भोजन के लिए उपयुक्त बताया जा रहा है। यही कारण है कि शाम होते ही हाथियों का दल नेशनल हाईवे की सड़क पार कर इधर से उधर जा रहे और फिर सुबह वापस उसी क्षेत्र में पहुंच जा रहे हैं। फिलहाल वन विभाग लगातार हाथियों के दल पर नजर बनाए हुए है।
राहगीरो की बढ़ी परेशानी
नेशनल हाईवे के मैनपुर देवभोग बीच राजापड़ाव क्षेत्र में जंगली हाथी के दमक से राहगीरो की परेशानी बढ़ गई है। घने जंगल और खतरनाक मोड़ के बाद अचानक सड़क में बड़ी संख्या में हाथी का सामने दिखना अपने आप में दशहत पैदा करने वाली स्थिति थी। बीते 40 घंटे में आठ बार नेशनल हाईवे की सड़क में दुपहिया और चार पहिया वाहनो की आवाजाही रोकनी पड़ी है
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शनिवार शाम छह बजे, इसके बाद रविवार को भी सुबह शाम एक एक बार मार्ग बाधित हुआ। इस बीच सड़क के दोनो ओर घंटेभर वाहन जाम में फसे रहें। रात के समय अब इस मार्ग से गुजरने के पहले राहगीरो को सोचना पड़ रहा है। यही स्थिति सोमवार को भी रही, तीन से चार बार हाथी के दल ने नेशनल हाइवे को सड़क पार की।
अब जंगली हाथी हिंसक हो चुके है। दो दिन पूर्व ही दल से बिछड़े एक जंगली हाथी ने गांव के पास पहाड़ी में सोए हुए एक ग्रामीण की झोपड़ी से निकालकर कुचल कर हत्या कर दी। इसके बाद से गांव में जंगली हाथी का भय बढ़ गया है। इसका असर आसपास के गांव में भी देखने को मिल रहा है। दूसरी ओर वन विभाग के पास हाथियों को रोकने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।
वन विभाग सतर्क
वन विभाग के एसडीओ राजेंद्र प्रसाद सोरी ने बताया कि एक माह से उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र मे हाथी का दल विचरण कर रहा है। तौरेंगा वन परिक्षेत्र के कोदोमाली के जंगल के अलावा हाथियों का दल अड़गड़ी, जरहीडीह कोसुममुडा, शोभा, गोना, कन्हारपारा, नवापारा, करेली, ढोलसर के जंगलो में विचरण कर रहा है। इसके पहले नारीपानी और कंवर आमा के जंगल में विचरण कर चुका है। रविवार रात के बाद से हाथियो का दल अड़गड़ी के जंगल में घुसा हुआ है। रात में ग्रामीणो ने इसके चिंघाड़ने की भी आवाज सुनी है।