Home राजनिति ✍ टी एस सिंहदेव होगें मुख्यमंत्री……..

✍ टी एस सिंहदेव होगें मुख्यमंत्री……..

राजनीतिक में ढाई-ढाई साल वाली बात को लेकर हाईकमान को अपने विवके व संदेश को ध्यान में रखते हुए टी एस सिंहदेव को मुख्यमंत्री एवं ताजपोशी में सहयोग करना ये हाईकमान का कर्तव्य है

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छत्तीसगढ़ में जब पंन्द्रह सालों सेें भाजपा सरकार थी तब कांग्रेस में कोई एैसा कद्धावर नेता नही था तो हाईकमान द्वारा सिंहदेव को चुनाव के दौरान सत्ता में लाने के लिए पूरा बागडोर दिया गया था जिसमें सिंहदेव द्वारा अपने स्वयं के बल पर रातदिन करके पूरा परिश्रम किया और उनके द्वारा घोषणा पत्र भी तैयार किया गया और अपने हिसाब से विधायको को खडा कराया गया जब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की बारी आई तो कांग्रेस के ही अंदर तीन-तीेन मुख्यमंत्री के दावेदार हो गए सरल स्वाभाव के नेता टी एस सिंहदेव को समझाइश देकर मुख्यमंत्री बनने के लिए ढाई-ढाई साल का समझौता हुआ इसी प्रकार उत्तरप्रदेश में भी स्वर्गीय कल्याण सिंह एवं मायावती में भी समझौता हुआ था उन्होनें समझौते के तहत अपना -अपना कार्यकाल पूरा किया राजनीतिक में समझौता बिना लिखापढी के भी मान्य होता है पर छत्तीसगढ़ में एक अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है कि कांग्रेस हाईकमान के परिवार में अलग-अलग मश्वरा होता है लोगों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री के पाले में लगभग चालीस विधायक बताए जा रहे है एक कहावत है पैसे की मां पहाड़ चढती है यही कहावत साबित हो रही है जबकि सभी विधायक कांग्रेसी है तो यह अंदर की कलह कैसी? इससे साबित होता है कि कांग्रेस के हाईकमान की अनुशासनहीनता का परिचय पूरे भारत में विख्यात हो रहा है क्योकि राजनीतिक में विधायकों की खरीद बिक्री का चलन शुरू से चला आ रहा है विधायको को दिल्ली के लिए लेकर जाना एवं मुख्यमंत्री का दिल्ली से आना आने के पश्चात् एयरपोर्ट पर स्वार्थी एवं लालची लोगों के द्वारा व्यक्तिगत मुख्यमंत्री का नारा लगाना कांग्रेस के विनाश का लक्षण है। एैसे कृत्यों को हमारे चैनलों पर दिखाया गया जिससे समाज में इसका गलत संदेश गया सोचने वाली बात है कि कांग्रेस की तीन राज्यों में सत्ता है जो विधायकों को अपने फेवर में लेना ये गलत संदेश की परंपरा न बनाएं जब राजनीतिक में ढाई-ढाई साल वाली बात को लेकर हाईकमान को अपने विवके व संदेश को ध्यान में रखते हुए टी एस सिंहदेव को मुख्यमंत्री एवं ताजपोशी में सहयोग करना ये हाईकमान का कर्तव्य है क्योकि अभी हाल ही में उत्तरप्रदेश का चुनाव भी सामने आ रहा है जिसपे इसका दुश्प्रभाव न पडे़ एैसे कृत्य तानाशाही दर्शा रहे है इसका खाम्याजा कांग्रेस को आगे भुगतना पडे़गा।



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