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✍ पूर्णिमा की तिथि का शुभ संयोग अनेक विभूतियों के जन्‍म एवं घटनाओं के साथ जुड़ा है…….

इस बार यह पर्व चंद्र ग्रहण के साथ

बुधवार को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व है। इस बार यह पर्व चंद्र ग्रहण के साथ आ रहा है लेकिन चूंकि यह ग्रहण उपछाया है, इसलिए ना इसका सूतक मान्‍य है और ना ही इसका कोई प्रभाव होगा। जहां तक पूर्णिमा की बात है, यह अपने आप में बहुत महत्‍वपूर्ण और प्रभावी तिथि होती है। पूर्णिमा की तिथि का शुभ संयोग अनेक विभूतियों के जन्‍म एवं घटनाओं के साथ जुड़ा है। अधिकांश महात्‍माओं के जन्‍म, निर्वाण और दीक्षा जैसी घटनाएं उन तिथियों पर हुईं, जब पूर्णिमा थी। आइये जानते हैं पूर्णिमा के विशेष महत्‍व के बारे में जानते हैं। पूर्णिमा एवं अमावस के अलावा विभूतियों के जन्‍म का संयोग अन्‍य पर्वों पर भी हुआ है। यानी पर्व आते हैं तो अपने साथ विभूतियों का वैभव लाते हैं। ज्‍योतिषीय भाषा में पूर्ण चंद्र असाधारण आत्‍मा के जन्‍म का कारक बनता है। पर्व प्रसंग पर इस प्रकार का संयोग धरती पर किसी विभूति के आने का संकेत देता है। पूर्णिमा के दिन जन्‍मने वाले शिशु भी जीवन में आगे चलकर ऊंचा स्‍थान प्राप्‍त करते हैं।

इस रोचक एवं विचित्र संयोग पर ज्‍योतिष पक्ष की अपनी दृष्टि है। ज्‍योतिषी बताते हैं कि पूर्णिमा का चंद्रमा संपूर्ण रूप से कलाओं से युक्‍त होता है। इस दिन जन्‍मने वाला व्‍यक्ति यश, गुण और कीर्ति, ख्‍याति अर्जित करता है।

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