रायपुर। छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के केस बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को एम्स में चार केस और मिले। राज्य में अब तक ब्लैक फंगस के 114 से अधिक केस मिले हैं। एम्स रायपुर में 78, आम्बेडकर अस्पताल में सात समेत बिलासपुर, दुर्ग व अन्य जिलों के अस्पतालों में भी भर्ती मरीजों का इलाज चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग, औषधि प्रशासन विभाग ने फंगस के दवाओं को लेकर निर्देश जारी किए हैं। दवा दुकानदारों को क्रय विक्रय का हिसाब रखना है। इन दवाओं के अचानक बढ़े डिमांड से बाजार में किल्लत हो रही है। गंभीर कोरोना से रिकवरी के बाद मतलब स्टेरॉइड एंटीबायोटिक ऑक्सीजन लेने से रोगी का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। कैंसर, किडनी रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस जैसी खतरनाक बीमारी शिकार बना रही है।
एम्स के दिशा-निर्देशों के अनुसार ब्लैक फंगस के लक्ष्ण जांचने के लिए सतर्क रहें। जो गंभीर कोरोना रोग से व उसके इलाज से मतलब स्टेरॉइड लेकर इम्म्युनिटी की वजह से कमजोर हो चुके हैं, वे नियमित जांच करते रहें। देखते रहें कि चेहरे पर कोई सूजन (खासकर नाक, आंख या गाल) पर तो नहीं है। या फिर किसी भाग को छूने पर दर्द तो नहीं हो रहा है।
इसके अलावा अगर दांत गिर रहे हों या मुंह के अंदर सूजन तथा काला भाग दिखे तो सतर्क रहें। इधर, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आलोक शुक्ला की उपस्थिति में नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज़ ढेबर, कमिश्नर सौरभ कुमार एवं अन्य अधिकारियों के साथ 22 मई को सर्किट हाउस में ज़रूरी बैठक आयोजित है।
ब्लैक फंगस
नाक से काला द्रव या खून की पपड़ी निकलना
नाक का बंद होना
सिरदर्द या आंखों में दर्द
आंखों के आसपास सूजन आना
धूंधला दिखना, आंखे लाल होना
आंखों की रोशनी जाना, आंख -खोलने और बंद करने में परेशानी महसूस करना
चेहरा सुन्न हो जाना, चेहरे में झुर्री महसूस करना
मुंह खोलने या किसी चीज को चबाने में परेशानी होना