बिलासपुर। अंबिकापुर के महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय सहित अन्य अधीनस्थ परियोजनाओं में रिश्तेदारों,परिचितों को मजदूरी दर पर नियम प्रक्रियाओं के विपरीत कार्य पर रखने की शिकायत की गई है। कमिश्नर सरगुजा को की गई शिकायत पर उपायुक्त विकास ने कलेक्टर सरगुजा को जांच का निर्देश दिया है।
अधिवक्ता व आरटीआइ एक्टिविस्ट डीके सोनी द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अंबिकापुर में गलत तरीके से मजदूरी दर पर कर्मचारियों के परिवार वालों को नियुक्त करने के संबंध में शिकायत की गई है। आरोप लगाया गया है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अंबिकापुर में विगत कुछ वर्षों में वहां पर पदस्थ कर्मचारियों के द्वारा गलत तरीके से अपने परिवार के सदस्यों को मजदूरी दर पर नियमों के विपरीत कार्य पर रखवाया गया है।
जबकि किसी भी नियुक्ति के पूर्व विज्ञापन निकाला जाता है एवं उसकी पूरी प्रक्रिया अपनाई जाती है लेकिन जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अंबिकापुर में पदस्थ कुछ वरिष्ठ अधिकारी जो कई सालों से पदस्थ हैं वे कंप्यूटर आपरेटर, डाटा एंट्री आपरेटर एवं कार्यालय सहायक के नाम पर अपने परिवार के सदस्यों तथा रिश्तेदारों को मजदूरी दर पर काम दे दिए है जिन्हें अलग-अलग परियोजनाओं एवं संस्थाओं में पदस्थ कर दिया गया है।
आरोप है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अंबिकापुर के अधीनस्थ जितने भी परियोजना एवं कार्यालय हैं उसमें पूर्व से ही सेटअप के अनुसार कर्मचारी पदस्थ हैं तथा उन्हें कार्य करने का पूरा अनुभव है लेकिन वे अपना कार्य स्वयं ना करें इसलिए अपने सहायक के रूप में मजदूरी दर पर कर्मचारी रख लिए हैं जिसका भुगतान शासन के ऊपर अतिरिक्त खर्च के रूप में पड़ रहा है।
जबकि मजदूरी दर पर कार्यरत कर्मचारी की कोई भी आवश्यकता कार्यालय में नहीं है उसके बाद भी गलत तरीके से मजदूरी दर पर कर्मचारी की नियुक्ति की गई है। मजदूरी दर पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी जब जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई तो उक्त जानकारी देने में आनाकानी की जाने लगी।
जानकारी सार्वजनिक न हो जाए इसलिए प्रकरण को दबाया जा रहा है। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए कार्यालय आयुक्त सरगुजा संभाग अंबिकापुर के उपायुक्त विकास सरगुजा संभाग के द्वारा कलेक्टर सरगुजा को पत्र भेजकर शिकायत की जांच करने निर्देशित किया गया है।