रवि शर्मा सोनहत……
सोनहत- गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान की सीमा में बिना अनुमति पंचायत का निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है आपको बता दें कि हाल ही में गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर को प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है इस लिहाज से यहां वन्य जीव और जंगल की सुरक्षा हेतु नियम और कड़े कर दिए गए हैं हाल ही में यहां सुरक्षा की दृष्टि से इलेक्ट्रॉनिक बूम बेरियर प्रवेश द्वार मेंड्रा और रामगढ़ में लगाया गया है लेकिन इन सबके बिल्कुल उलट पार्क परिक्षेत्र की सीमा से लगी पंचायतों के द्वारा मनमाने ढंग से परिक्षेत्र के अंदर बिना अनुमति निर्माण तो कराया ही जाता है साथ ही यहां की खनिज संपदा का जमकर दोहन किया जाता है और मटेरियल के नाम पर मोटी कमाई की जाती है
ताजा मामला ग्रामपंचायत रामगढ़ का है जहां पंचायत के द्वारा पार्क परिक्षेत्र रामगढ़ की सीमा के अंदर बसे गांव तुर्रीपानी के पास एक नाले में मनरेगा के तहत गैबीयन स्ट्रक्चर का निर्माण जंगल के बोल्डर से कराया जा रहा है और बोल्डर का परिवहन भी कार्य में लगे मनरेगा मजदूरों से करा कर परिवहन के नाम पर मोटी मलाई अंदर करने की तैयारी में है और संबंधित अधिकारी भी आंख मूंदकर ऐसे कार्यों को बढ़ावा दे रहे हैं जाहिर है कमीशन भी मोटा ही होगा।
पत्थर जंगल का बिल भतीजे का आपको बता दें कि इसी तरह 2017-018 में भी पार्क परिक्षेत्राधिकारी की बिना अनुमति के इसी नाले पर पंचायत सचिव ने 47 नग बोल्डर चेकडेम का निर्माण कराया गया था और बोल्डर परिवहन के नाम पर अपने भतीजे का बिल लगा कर लगभग तीन लाख रुपये अंदर कर लिये।