बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब के कारण भीषण चक्रवात के 25 नवंबर को इसके तमिलनाडु तट से टकराने की आशंका है। अगले 24 घंटे में इसके और तीव्र होकर चक्रवात में बदलने की पूरी संभावना है।साल 2020 के मॉनसून के बाद बंगाल की खाड़ी में बनने वाले इस पहले चक्रवाती तूफान को ‘निवार’ नाम दिया जाएगा। वर्तमान स्थितियों को देखते हुए अनुमान है कि यह 25 नवंबर के आसपास पुद्दुचेरी और कराईकल के बीच से लैंडफॉल करेगा। राज्य सरकार ने “निवार चक्रवात” के खतरे से निपटने के लिए जिला प्रशासन को तत्पर और तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मंगलवार से अगले आदेश तक सात जिलों में अंतर जिला बस सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। कुछ जिलों में ट्रेनें भी आंशिक या पूरी तरह निरस्त कर दी गई हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया है कि यह तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से 25 नवंबर को दोपहर करईकाल तथा मामल्लापुरम के बीच 100-110 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से टकरा सकता है और इसकी गति बढ़कर 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। चक्रवात के असर से तमिलनाडु और पुडुचेरी में 24 से 26 नवंबर तक भारी बारिश हो सकती है। इस कारण नागपट्टनम जिले में हाई अलर्ट जारी किया गया है तथा मछुआरों को 26 नवंबर तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। आंध्र प्रदेश में भी प्रमुख विभागों को तटीय एवं रायलसीमा क्षेत्रों के अधिकांश जिलों में अगले तीन दिनों में भारी बारिश की चेतावनी के बाद हाई अलर्ट पर रखा गया है। बंगाल की खाड़ी में दक्षिण पश्चिम तथा दक्षिण पूर्व में बना निम्न दाब सोमवार को 11.30 बजे पुडुचेरी से 520 किलोमीटर पूर्व- दक्षिणपूर्व तथा चेन्नई से 560 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में स्थित था और यह 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ रहा है। पुडुकोटई, कुड्डालोर, नागपट्टनम, तंजावुर, विल्लुपुरम व चेंगलपट्टु जिलों खासतौर पर तैयार रहने को कहा गया है।
खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ की छह टीमें कुड्डुलोर में तथा दो टीमें चेन्नई में जरूरी उपकरणों के साथ तैनात की जा रही हैं। राजस्व मंत्री आरबी उदयकुमार तथा बिजली मंत्री थंगमणि ने आशंकित आपदा से निपटने की तैयारियों पर संतोष जताया है। सभी इंतजाम कर लिए गए हैं तथा राहत शिविरों में कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है। इस बीच, एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने नई दिल्ली में बताया कि चक्रवात से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए 30 टीमें तैयार की गई हैं। इनमें से 12 टीमों की पूर्व तैनाती कर दी गई है तथा 18 टीमों को तैयार (स्टैंडबाय) रखा गया है।