अंबिकापुर। सरगुजा संभाग के किसानों को पिलखा क्षीर, देश की नामी कंपनी अमूल व देवभोग से भी अधिक दाम दूध का दे रहा है। क्षेत्र के किसानों द्वारा लाए गए दूध की औसत कीमत यहां सर्वाधिक 32 रुपये पचास पैसे है। दूध उत्पादक किसानों को उचित मूल्य प्रदान कर आर्थिक तरक्की के लिए सूरजपुर जिले के सिलफिली में पिलखा क्षीर दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति कोरोना संकट के समय भी किसानों के साथ खड़ी रही। पहली बार लंबा लाकडाउन चला तो उस वक्त भी पिलखा क्षीर में किसानों से दूध खरीदी होती रही। उस दौरान 36 हजार लीटर दूध की खरीदी की गई। दूध की बाहर बिक्री बंद होने से यहीं के आधुनिक प्लांट से 12 क्विंटल शुद्ध घी का निर्माण किया गया। चार क्विंटल घी की बिक्री भी कर ली गई। अभी यहां रोज 1400 सौ लीटर दूध की खरीदी हो रही है। हालांकि दूध की डिमांड ज्यादा है। समिति के बेहतर कारोबार और कार्य प्रबंधन को देखते हुए पशु पालकों का उत्साह बढ़ा है और अब वे ज्यादा बड़े पैमाने पर पशु पालन की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
सूरजपुर जिले के सिलफिली इलाके को दुग्ध उत्पादन का क्षेत्र माना जाता रहा है। इस इलाके के किसान उन्नत खेती में भी उतने ही मजबूत हैं। धान और विभिन्न किस्म की सब्जियां यहां उगाई जाती हैं। घर में ही हरे चारे की उपलब्धता के कारण यहां लगभग हर किसान के घरों में गाय है। बेहतर दुग्ध उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए अगस्त 2018 में सिलफिली में पिलखा क्षीर दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित की शुरुआत की गई इसके पीछे मंशा यह थी कि इलाके के दुग्ध उत्पादक किसानों को स्थानीय स्तर पर ही दुग्ध की सही कीमत मिल सके इस उद्देश्य में यह समिति सफल भी रही समिति को दूध सप्लाई करने वाले किसानों का यहां पंजीयन भी शुरू किया गया और धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती गई वर्तमान में इस समिति से लगभग 450 किसान पंजीकृत हो चुके हैं। ये किसान सिलफिली, करवां, मदनपुर, जयनगर, अजबनगर, करतमा, जमदेई, लटोरी एवं दतिमा इलाके के हैं।
पिलखा दुग्ध सहकारी समिति द्वारा रोज इलाके के किसानों से खरीदी से पहले दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए स्पॉट टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है। समिति के कर्मचारी प्रतिदिन जांचने की मशीन लेकर सिलफिली और करवां इन दो जगहों पर जहां किसान दूध लेकर पहुंचते हैं वहां गुणवत्ता जांची जाती है, इसके बाद ही दूध की खरीदी की जाती है। गुणवत्ता के आधार पर दूध की कीमत लगाई जाती है। पूरी खरीदी के बाद निकले औसत में यहां के दूध की खरीदी की दर 32 रुपये 50 पैसे पड़ती है। सूरजपुर जिला प्रशासन की देखरेख में संचालित पिलखा क्षीर समिति द्वारा दावा किया जा रहा है कि इतने अधिक मूल्य पर कोई भी सहकारी समिति देश में दूध की खरीदी नहीं करती। अमूल कंपनी 26 रुपये और छत्तीसगढ़ की देवभोग 27.50 रुपये प्रति लीटर औसत दर से दूध की खरीदी करती है।
पिलखा खीर उत्पादन संयंत्र में अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई है यहां प्रतिदिन किसानों से लाए गए करीब 14 सौ लीटर दूध को पाश्चराइजेशन के लिए मशीन में रखा जाता है इसके बाद इसकी पैकिंग होती है या फिर दूसरे उत्पाद के निर्माण के लिए उपयोग में लाया जाता है। यहां घी, खोवा और छाछ बनाने के लिए अलग-अलग मशीनें लगी हैं फिलहाल यहां घी और खोवा का निर्माण हो रहा है। वर्तमान में यहां करीब आठ क्विंटल घी और करीब डेढ़ क्विंटल खोवा तैयार है। समिति के नोडल अधिकारी डा. नृपेंद्र सिंह ने बताया कि यहां बनाए जाने वाले सभी उत्पाद की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
पिलखा क्षीर दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का यह प्रयास है कि किसानों को उनद्वारा लाए गए दूध की सही कीमत मिले। भविष्य में जब भी प्रतिदिन दूध खरीदी की क्षमता पांच हजार लीटर तक पहुंचेगी, उस दिन से प्रत्येक पंजीकृत किसानों को ढाई रुपये प्रति लीटर का बोनस भी मिलेगा। हम नो प्लस, नो प्राफिट के उद्देश्य से इस समिति का संचालन कर रहे हैं।