रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के डब्ल्यूआरएस मैदान में इस बार रावण के पुतले का दहन नहीं होगा। कोरोना संक्रमण के चलते दशहरे पर होने वाले रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाएगा। दरअसल जिला प्रशासन की ओर से बुधवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से इस पर निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही लोग प्रदेश के सबसे बड़े रावण के पुतले का दहन देखने से भी वंचित रहेंगे। दशहरा उत्सव और रावण पुतले के दहन के संबंध में बुधवार को प्रशासन ने समितियों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कोरोना काल को देखते हुए रावण दहन न करने का फैसला लिया गया।
एडीएम विनीत नंदनवार और एएसपी लखन पटले के साथ हुई बैठक में कुछ समितियों के पदाधिकारियों ने कोरोना संक्रमण के चलते कार्यक्रम नहीं करने का निर्णय लिया। उनके इस प्रस्ताव की सराहना करते हुए सभी ने इस पर सहमति जताई। अन्य समितियों ने भी रावण के पुतले का दहन करने से हाथ खींच लिए हैं। रायपुर में मुख्य रूप से डब्लू आर एस कॉलोनी मैदान, रावणभाठा, बीटीआई ग्राउंड, माेवा, हीरापुर सहित कई स्थानों पर वृहद रूप से रावण का पुतला दहन किया जाता था।
छत्तीसगढ़ में रावण दहन की परंपरा कुछ ही वर्षों के अंदर विकसित हुई है। पुराने समय के आधार पर देखें तो पता चलता है कि यहां उस वक्त रावण दहन की परंपरा नहीं थी। यहां रावण के पुतले बनाकर उन्हें जलाया नहीं जाता था, बल्कि गांव के बाहर मैदान में स्थायी रूप से रावण की मूर्ति स्थापित की जाती थी और उसे जंजीरों से जकड़ दिया जाता था। इस मैदान को रावणभाठा के नाम से जानते हैं। ऐसे मैदान और मूर्तियां आज भी छत्तीसगढ़ के गांव- गांव में है। इसी में हर साल दशहरा का मेला लगता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मेले की चहल पहल नहीं होगी।