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✍ कोविड-19 के मरीजों की परिवार के सदस्यों की तरह देखभाल करने के दिये गये निर्देश …….

अस्पतालों में भर्ती मरीजों के इलाज में प्रोटोकॉल तथा डिस्चार्ज करने में निर्धारित दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रुप से हो पालन

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शिवांक साहू नरसिंहपुर..

निजी चिकित्सालयों की प्रबंधकों को दिये गये निर्देश
इंदौर 7 अगस्त, 2020
इंदौर में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए निजी और शासकीय अस्पतालों में पुख्ता इंतजाम किये गये है। मरीजों के इलाज के लिये 28 निजी अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इन अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज तथा उन्हें डिस्चार्ज करने के संबंध में दिशा-निर्देश देने के लिये आज यहां कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा बैठक ली गई। बैठक में सभी अस्पतालों के प्रबंधक मौजूद थे। बैठक में उन्हें मरीजों के इलाज तथा उन्हें डिस्चार्ज करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने अस्पताल प्रबंधकों को निर्देश दिये कि उनके अस्पतालों में मरीज के आने के साथ ही उपचार शुरु कर दिया जाये। उपचार निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत किया जाये। यह ध्यान रखा जाये की कोई भी मरीज इधर-उधर नहीं भटके। मरीजों को डिस्चार्ज पॉलिसी के तहत ही डिस्चार्ज करें। अस्पताल में भर्ती मरीजों की पेरेन्टल केयर सुनिश्चित करें। ऐसी व्यवस्था हो जिससे की अस्पताल में उन्हें परिवार की तरह ही देखभाल मिले, अकेलापन उन्हें महसूस नहीं हो, जिससे की उनका आत्मविश्वास बना रहे। काउंसिलिंग भी नियमित की जाये। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिये कि भर्ती मरीजों के परिजनों से संवाद के लिये सभी अस्पतालों में व्यवस्था की जाये। अपने यहां एक-एक चिकित्सकों की ड्यूटी लगाये यह चिकित्सक मरीजों के परिजनों से नियमित संपर्क में रहे और उन्हें समय-समय पर मरीजों के संबंध में आवश्यक जानकारी देते रहें। मरीजों के इलाज, सुरक्षा, व्यवस्था, डिस्चार्ज आदि के लिये बनायी गई एसओपी तथा शासन और आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का पुरा पालन किया जाये। निर्धारित संख्या में आइसोलेशन/बेड्स की व्यवस्था रखी जाये। पर्याप्त स्टॉफ रहे यह सुनिश्चित किया जाये। अस्पताल में पुरे सुरक्षात्मक उपाय हो। बैठक में निर्देश दिए गए कि निर्धारित अस्पतालों में आने वाले कोविड मरीजों को भर्ती करने से मना नहीं किया जाये। यह ध्यान रखा जाये की अगर कोई मरीज गंभीर स्थिति में तो उसे दूसरे अस्पताल में नहीं भेजे उसका जहां भर्ती है वहीं समुचित इलाज किया जाये। प्रोटोकॉल के तहत निर्धारित दवाईयों का समुचित मात्रा में इंतजाम रखा जाये।
बैठक में डॉ. हेमंत जैन ने बताया कि कोविड-19 के लक्षणों की गंभीरता के आधार पर भर्ती रोगियों के डिस्चार्ज के संबंध में नई व्यवस्था बनाई गई है। इसके तहत मंद, अतिमंद, लक्षण रहित प्रकरणों में जिस दिन से मरीज भर्ती होता है या लक्षण होते है ऐसे प्रकरणों में अगर उसे विगत तीन दिन में बुखार नहीं आता है और अन्य लक्षण नहीं दिखाई देते है तो उसे दस दिन की निर्धारित अवधि पर बगैर कोविड जांच के डिस्चार्ज किया जा सकता है। ऐसे रोगियों को अगले सात दिन में होम आइसोलेशन में रहना होगा। इसके अलावा मध्यम लक्षण वाले रोगी के डिस्चार्ज के संबंध में भी दिशा-निर्देश दिये गये। बताया गया कि ऐसे रोगियों का अगर विगत तीन दिन में आक्सीजन लेवल 95 या उससे अधिक रहता है तथा उन्हें बुखार भी नहीं हो तो लक्षण चालू होने के दस दिन की निर्धारित अवधि पर डिस्चार्ज किया जा सकता है। ऐसे मरीजों की भी पुन: कोविड जांच की आवश्यकता नहीं है। साथ ही बताया गया कि गंभीर निमोनिया और अति गंभीर कोविड मरीज जिनको अन्य गंभीर बीमारियां भी है। ऐसे मरीजों को पूर्ण क्लीनिकली रिकवरी होने तथा लक्षणों के पुरी तरह ठीक होने के पश्चात् ही डिस्चार्ज करने के निर्देश दिये गये। साथ ही कहा गया कि ऐसे मरीजों की कोविड-19 की जांच करायी जाये तथा निगेटिव आने पर ही डिस्चार्ज किया जाये।

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